देहरादून: यूं तो हर साल दीपावली से पहले वायु प्रदूषण को लेकर चिंताएं बढ़ जाती हैं, लेकिन इस दिवाली पर प्रदूषित हवा लोगों के लिए ज्यादा घातक हो सकती हैं. हम बात कोरोना के उन मरीजों की कर रहे हैं, जो कोविड-19 के चलते पहले ही परेशानी में हैं और अब दीपावली पर आतिशबाजी उनकी जान पर आफत बन सकती है.
दिल्ली समेत कई शहरों में आतिशबाजी पर रोक लगा दी गई है. वैसे तो यह फैसला इन शहरों में पहले से ही भारी वायु प्रदूषण के कारण लिया गया है, लेकिन एक बड़ी चिंता कोरोना संक्रमितों को लेकर भी दिखाई देने लगी है. जिन्हें पटाखों के धुंए से खासी परेशानी हो सकती है. उत्तराखंड में वायु प्रदूषण के लिहाज से 4 जिले काफी संवेदनशील माने जाते हैं. इसमें देहरादून, हरिद्वार, काशीपुर और हल्द्वानी शामिल है, जबकि दीपावली पर आतिशबाजी के बाद यहां वायु प्रदूषण का लेवल और भी खराब स्तर पर होगा.
चिंता की बात यह है कि प्रदेश में यही वो शहर है, जहां कोरोना संक्रमितों की संख्या सबसे ज्यादा है. राजधानी देहरादून की स्थिति तो पहले से ही वायु प्रदूषण को लेकर सबसे ज्यादा खराब है. आंकड़ों पर गौर करें तो राजधानी देहरादून में प्रदूषण का स्तर 238 एक्यूआई है. यहां वायुमंडल में कार्बन 1064 माइक्रोग्राम प्रति यूनिट की मात्रा में मौजूद है, नाइट्रोजन ऑक्साइड की मात्रा 42 और बेहद खतरनाक मानी जाने वाली गैस सल्फर डाई की मात्रा 16 माइक्रोग्राम प्रति यूनिट है. उधर यहां पर ध्वनि प्रदूषण भी 62.94 है. दीपावली की आतिशबाजी के बाद इन सभी में और ज्यादा इजाफा तय है. ऐसे में दमे के रोगियों के साथ कोरोना संक्रमित भी इससे सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे.