देहरादून:किसानों की आय दोगुना करने का सपना उत्तराखंड में तो साकार नहीं हो पायेगा. जी हां, उद्यान विभाग के मौजूदा हालात तो कुछ इसी ओर इशारा कर रहे हैं. हैरानी की बात यह है कि इन हालातों को देखकर भी उद्यान मंत्री से लेकर शासन के अधिकारी कुछ नहीं कर पा रहे. अब इसे मंत्री गणेश जोशी और अधिकारियों की बेबसी कहें या मामले में विलेन माने जा रहे जिले के उद्यान अधिकारियों की दबंगई. जो भी हो लेकिन इतना तय है कि इससे नुकसान तो किसानों को ही हो रहा है.
क्या आपने कभी सुना है कि किसी विभाग के अधिकारी यूनियन बनाकर अपने निदेशक पर दबाव बनाते हैं? क्या आपने कभी सुना है कि शासन और निदेशालय जिले के अधिकारियों से कोई आंकड़ा मांगे और अधिकारी दबंगई दिखाकर आंकड़ा देने से ही मना कर दें? क्या आपने कभी देखा है कि विभागीय मंत्री और आईएएस अधिकारी कोई बैठक ले और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में जिलों के अधिकारी अपना वीडियो बंद करके बैठक को नजरअंदाज करें?
जी हां, यह सब हो रहा है उद्यान विभाग में. वो विभाग जिसके ऊपर सबसे ज्यादा युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने का जिम्मा है. वह विभाग जिस पर किसानों की आय दोगुनी करने का भरोसा खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्य सरकार किए बैठी है. इस विभाग में ऐसे-ऐसे कारनामे सामने आ रहे हैं, जो शायद आपने कभी नहीं सुने होंगे. दरअसल, ये सब तथ्य और बातें हम अपनी तरफ से नहीं कह रहे बल्कि सरकार के मंत्री और अफसर ने इन्हें खुद अनुभव किया है.
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दरअसल, जिले में उद्यान की जिम्मेदारी डीएचओ (District Horticulture Officer) और सीएचओ (Chief Horticulture Officer) के कंधे पर होती है. देहरादून में उद्यान विभाग का निदेशालय है, जहां पर निदेशक अमरिंदर सिंह बवेजा पूरे प्रदेश में योजनाओं की जानकारी या पौधों की स्थिति की पूरी रिपोर्ट इन्हीं डीएचओ से लेते हैं. राज्य में किसानों के द्वारा लगाए जा रहे पौधों की उपलब्धता कराने का काम डीएचओ करते हैं. राज्य से लेकर केंद्र की उद्यान के क्षेत्र में चल रही योजनाओं की मॉनिटरिंग भी जिलों में डीएचओ या सीएचओ करते हैं. इसके अलावा जिलों में किस तरह की उद्यान के क्षेत्र में स्थिति है इसकी पूरी रिपोर्ट उत्पादन को लेकर किसानों की जरूरतों की भी पूरी जानकारी डीएचओ देते हैं.
विभागीय मंत्री गणेश जोशी और सचिव ने डीएचओ समेत अन्य अधिकारियों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की थी. दो दिन पहले हुई इस बैठक में उद्यान विभाग के डायरेक्टर अरमिंदर सिंह बवेजा ने मंत्री और सचिव के सामने ये बात रखी है कि डीएचओ और सीएचओ उन पर आंकड़े नहीं मांगने का दबाव बनाते हैं. गणेश जोशी का कहना है कि अधिकारियों को पता है कि जब धरातल पर काम नहीं किया है. अगर ऐसे में सत्यापन हुआ तो अधिकारी फंस जाएंगे.