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Termination of Ad hoc Employees: 45 दिनों से आंदोलन पर डटे बर्खास्त कर्मी, अब मिला बसपा का समर्थन - Termination of Ad hoc Employees

उत्तराखंड विधानसभा बैकडोर भर्ती मामले में बर्खास्त किए गये कर्मचारी 45 दिनों से अपनी बहाली को लेकर विधानसभा के बाहर धरने पर बैठे हैं. कर्मचारियों की मांग है कि 2016 के पहले हुई नियुक्तियों पर भी उनकी तरह एक्शन हो या फिर उनकी भी बहाली हो. कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दल इन कर्मियों की मांगों को समर्थन भी दे चुके हैं और अब आंदोलनरत कर्मियों को बसपा का भी समर्थन मिल गया है.

Uttarakhand Assembly Recruitment Case
अनिश्चितकालीन आंदोलन में जुटे बर्खास्त कर्मी.

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Published : Feb 1, 2023, 7:16 PM IST

Updated : Feb 1, 2023, 7:43 PM IST

अनिश्चितकालीन आंदोलन में जुटे बर्खास्त कर्मी.

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा के बाहर अनिश्चितकालीन आंदोलन में जुटे बर्खास्त कर्मियों को अब बहुजन समाजवादी पार्टी का भी समर्थन मिल गया है. इससे पहले कांग्रेस समेत तमाम दूसरे संगठनों ने भी इन बर्खास्त कर्मियों को अपना समर्थन देते हुए उनकी बहाली की मांग की थी. उधर धरने पर बैठे विधानसभा के बर्खास्त कर्मी 45 दिन बाद भी अपने आंदोलन पर डटे हुए हैं.

उत्तराखंड विधानसभा में 2016 के बाद भर्ती होने वाले कर्मियों की बर्खास्तगी तो कर दी गई, लेकिन उसी प्रक्रिया के तहत विधानसभा में ड्यूटी दे रहे राज्य स्थापना के बाद से 2016 तक के कर्मियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है. विधानसभा स्तर पर इस तरह की कार्रवाई के खिलाफ बर्खास्त कर्मियों ने अपना मोर्चा खोला हुआ है.
पढ़ें-Backdoor Recruitment: कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष को घेरा, कहा- छीनने के बजाय रोजगार देने की नीति हो

खास बात ये है कि पिछले 45 दिनों से धरने पर बैठे कर्मियों को लगातार राजनीतिक पार्टियों और संगठनों की तरफ से भी समर्थन मिल रहा है. इस कड़ी में अब बहुजन समाजवादी पार्टी भी जुड़ गई है, जिसने इन कर्मचारियों की बहाली की मांग की है. इसी को लेकर बहुजन समाजवादी पार्टी के नेता मोहम्मद शहजाद ने विधानसभा भवन के बाहर धरने पर बैठे कर्मियों के पास पहुंचकर उन्हें अपना समर्थन दिया.

वहीं, विरोध कर रहे कर्मचारियों का कहना है कि जब विधानसभा द्वारा बनाई गई 3 सदस्यीय जांच कमेटी ने साफ कर दिया है कि राज्य स्थापना के बाद से अबतक जो भी भर्ती हुई है वो एक ही प्रक्रिया के तहत हुई तो ऐसे में 2016 के बाद की नियुक्ति गलत कैसे है और उससे पहले की नियुक्ति को कैसे सही माना जा रहा है. उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी की तरफ से उन्हें मिलने का समय भी नहीं दिया जा रहा है. इस दौरान कर्मचारियों ने ऋतु खंडूड़ी पर कई आरोप भी लगाए.

उधर, प्रदर्शन के दौरान आंदोलन करने वाली एक महिला कर्मी की तबीयत अचानक बिगड़ गई. इसके बाद उसे कैलाश अस्पताल में भर्ती कराया गया है. हालांकि, इसके बावजूद कर्मचारियों ने मांगे पूरी नहीं होने तक अपना प्रदर्शन जारी रखने की बात कही है.

Last Updated : Feb 1, 2023, 7:43 PM IST

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