अनिश्चितकालीन आंदोलन में जुटे बर्खास्त कर्मी. देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा के बाहर अनिश्चितकालीन आंदोलन में जुटे बर्खास्त कर्मियों को अब बहुजन समाजवादी पार्टी का भी समर्थन मिल गया है. इससे पहले कांग्रेस समेत तमाम दूसरे संगठनों ने भी इन बर्खास्त कर्मियों को अपना समर्थन देते हुए उनकी बहाली की मांग की थी. उधर धरने पर बैठे विधानसभा के बर्खास्त कर्मी 45 दिन बाद भी अपने आंदोलन पर डटे हुए हैं.
उत्तराखंड विधानसभा में 2016 के बाद भर्ती होने वाले कर्मियों की बर्खास्तगी तो कर दी गई, लेकिन उसी प्रक्रिया के तहत विधानसभा में ड्यूटी दे रहे राज्य स्थापना के बाद से 2016 तक के कर्मियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है. विधानसभा स्तर पर इस तरह की कार्रवाई के खिलाफ बर्खास्त कर्मियों ने अपना मोर्चा खोला हुआ है.
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खास बात ये है कि पिछले 45 दिनों से धरने पर बैठे कर्मियों को लगातार राजनीतिक पार्टियों और संगठनों की तरफ से भी समर्थन मिल रहा है. इस कड़ी में अब बहुजन समाजवादी पार्टी भी जुड़ गई है, जिसने इन कर्मचारियों की बहाली की मांग की है. इसी को लेकर बहुजन समाजवादी पार्टी के नेता मोहम्मद शहजाद ने विधानसभा भवन के बाहर धरने पर बैठे कर्मियों के पास पहुंचकर उन्हें अपना समर्थन दिया.
वहीं, विरोध कर रहे कर्मचारियों का कहना है कि जब विधानसभा द्वारा बनाई गई 3 सदस्यीय जांच कमेटी ने साफ कर दिया है कि राज्य स्थापना के बाद से अबतक जो भी भर्ती हुई है वो एक ही प्रक्रिया के तहत हुई तो ऐसे में 2016 के बाद की नियुक्ति गलत कैसे है और उससे पहले की नियुक्ति को कैसे सही माना जा रहा है. उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी की तरफ से उन्हें मिलने का समय भी नहीं दिया जा रहा है. इस दौरान कर्मचारियों ने ऋतु खंडूड़ी पर कई आरोप भी लगाए.
उधर, प्रदर्शन के दौरान आंदोलन करने वाली एक महिला कर्मी की तबीयत अचानक बिगड़ गई. इसके बाद उसे कैलाश अस्पताल में भर्ती कराया गया है. हालांकि, इसके बावजूद कर्मचारियों ने मांगे पूरी नहीं होने तक अपना प्रदर्शन जारी रखने की बात कही है.