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अपने विभाग के कार्यक्रमों से ही महाराज का 'किनारा', चर्चाओं का बाजार गर्म - सतपाल महाराज न्यूज

खबरें तो यहां तक आ रही हैं कि कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज इन दिनों सरकार के मुखिया से नाराज चल रहे हैं, इसलिए उन्होंने अपने ही विभाग के कुछ कार्यक्रमों तक से दूरी बना ली है.

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सतपाल महाराज सीएम से नाराज.

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Published : Feb 17, 2021, 5:46 PM IST

Updated : Feb 17, 2021, 6:43 PM IST

देहरादून: सरकार के मुखिया मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के बीच आजकल कुछ तालमेल ठीक नहीं बैठ रहा है. खबरें तो यहां तक आ रही हैं कि कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज इन दिनों मुखिया से नाराज चल रहे हैं, इसलिए उन्होंने अपने ही विभाग के कुछ कार्यक्रमों तक से दूरी बना ली है. ऐसा हाल ही में देखने को मिल रहा है.

कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपनी विधानसभा सीट डोईवाला में सूर्यधार झील का लोकार्पण किया था. सिंचाई विभाग के इस कार्यक्रम में सतपाल महाराज नहीं पहुंचे थे, जबकि वे खुद सिंचाई मंत्री हैं. ऐसा ही कुछ टिहरी झील महोत्सव कार्यक्रम में भी हुआ. पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज पहले ही टिहरी झील महोत्सव को प्रमोट करने की योजना बना चुके थे, लेकिन जब टिहरी झील महोत्सव का कार्यक्रम नजदीक आया तो पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने चमोली में आई आपदा का हवाला देते हुए महोत्सव में जाने से इंकार कर दिया. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने खुद टिहरी झील महोत्सव का शुभारंभ किया. उनके साथ कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल और राज्य मंत्री धन सिंह रावत भी मौजूद थे.

कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज की दूरी पर क्या कहती है सरकार.

सतपाल महाराज ने टिहरी महोत्सव में न जाने का कारण चमोली आपदा को बताया. जहां एक ओर पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज चमोली आपदा की वजह से टिहरी झील महोत्सव के कार्यक्रम में शामिल नहीं हो रहे हैं, तो वहीं मुख्यमंत्री खुद टिहरी झील महोत्सव का शुभारंभ कर रहे हैं. इस तरह के हालात महाराज और सरकार के मुखिया के बीच की नाराजगी को जाहिर कर रहे हैं.

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वहीं, महोत्सव की शुरुआत के अगले ही दिन बुधवार (17 फरवरी) को कैबिनेट की बैठक आहुत की गई थी. कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज बुधवार की सुबह तक देहरादून में ही मौजूद थे, लेकिन कैबिनेट की बैठक होने के बावजूद वह देहरादून से किसी अन्य समारोह में शामिल होने के लिए रवाना हो गए. यानी उन्होंने कैबिनेट बैठक से भी दूरी बना ली.

जिस तरह से वे लगातार सरकारी कार्यक्रमों से दूरी बना रहे हैं उससे तो यही जाहिर होता है कि सरकार में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. हालांकि, ये कोई पहली बार नहीं है, जब दोनों के बीच नाराजगी देखने को मिली है. इससे पहले भी इस तरह खबरें कई बार सामने आ चुकी हैं.

वहीं, इस मामले में बीजेपी संगठन भी कुछ कहने के बच रहा है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत की मानें तो दोनों के बीच कोई नाराजगी नहीं है. अगर सतपाल महाराज कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए तो हो सकता है कि उनके क्षेत्र का कोई कार्यक्रम रहा हो. दूसरी ओर सरकार के शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने भी सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत और कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के बीच किसी भी तरह की नाराजगी की खबरों से इंकार किया है.

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उधर, सतपाल महाराज की नाराजगी को लेकर जिस तरह की खबरें आ रही हैं उस पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह का कहना है कि मुख्यमंत्री किसी की भी नहीं सुन रहे हैं. कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने चमोली आपदा के कारण टिहरी महोत्सव कार्यक्रम में न जाने के निर्णय लिया था, बावजूद इसके मुख्यमंत्री टिहरी महोत्सव में गए. इससे पता चलता है कि मुख्यमंत्री अपने मंत्रियों की बातों पर ही गौर नहीं करते हैं.

Last Updated : Feb 17, 2021, 6:43 PM IST

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