देहरादून: भारत सरकार ने अनलॉक-5 की गाइडलाइन जारी कर दी है. जिसके बाद अब उत्तराखंड में शिक्षा विभाग भी स्कूलों को खोलने की तैयारी में जुट गया है. इस कड़ी में आज शिक्षा मंत्री ने शासन में अधिकारियों से बातचीत की. जिसमें स्कूल खोले जाने को लेकर चिंतन किया गया. बैठक में निर्णय लिया गया कि जिलाधिकारियों को एक सप्ताह के भीतर अभिभावकों और स्कूल प्रतिनिधियों से बात कर अपनी रिपोर्ट शासन को प्रेषित करनी होगी.
उत्तराखंड के स्कूलों को खोले जाने को लेकर अब विचार विमर्श शुरू हो गया है. इस दिशा में जिला अधिकारियों को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वह निजी विद्यालयों के प्रतिनिधियों और अभिभावकों से बात कर अपनी रिपोर्ट एक सप्ताह के भीतर शासन को प्रेषित करें, ताकि यह पता लगाया जा सके कि आखिरकार निजी स्कूल और अभिभावक क्या चाहते हैं?
उत्तराखंड में स्कूल खोलने को लेकर विचार-विमर्श, जिलाधिकारियों को मिली बड़ी जिम्मेदारी
प्रदेशे में स्कूलों को खोले जाने को लेकर जिला अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है. वे निजी विद्यालयों के प्रतिनिधियों और अभिभावकों से बात कर अपनी रिपोर्ट एक सप्ताह के भीतर शासन को प्रेषित करेंगे. जिससे यह पता लगाया जा सके कि आखिरकार निजी स्कूल और अभिभावक क्या चाहते हैं?
शिक्षा मंत्री ने यह साफ किया कि स्कूलों को तीन चरणों में खोला जाएगा. जिसमें पहले चरण में नौवीं से 12वीं क्लास के स्कूल खोले जाएंगे. दूसरे चरण में छठी से आठवीं क्लास तक के बच्चों को स्कूल बुलाया जाएगा. तीसरे चरण में पांचवीं तक के छात्रों के लिए स्कूल खोले जाएंगे. लेकिन स्कूलों को तभी खोला जाएगा जब अभिभावक और निजी स्कूल इसके पक्ष में अपनी राय देंगे. उधर, कोचिंग सेंटर पर भी अलग से विचार किया जाएगा.
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शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने कहा कि छात्र 2 अक्टूबर को गांधी जयंती घर पर ही मनाए. मगर स्कूल के शिक्षकों और स्टाफ को गांधी जयंती मनाने के लिए स्कूल आना होगा. शिक्षा मंत्री ने कहा कि स्कूलों में सैनिटाइजेशन और टेंपरेचर नापने जैसी तमाम व्यवस्थाएं भी की जाएगी.