देहरादून: आचार संहिता लगने से पहले आज आखरी बार देहरादून नगर निगम में बोर्ड बैठक का आयोजन किया. बोर्ड बैठक शुरू होने से पहले मेयर सुनील उनियाल गामा ने स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 में दून शहर को मिली उपलब्धि पर चर्चा की. साथ ही अगले वर्ष होने जा रहे सर्वेक्षण के लिए रणनीति बनाने पर भी मंथन किया गया. इस दौरान स्वच्छता कर्मियों, जागरूकता फैलाने वाले संगठन व समाजसेवियों को 'स्वच्छता दूत' के तौर पर सम्मानित भी किया गया और उनके सुझाव भी लिए गए.
इस मौके पर देहरादून के पूर्व नगर आयुक्त विनय शंकर पांडे को भी सम्मानित किया गया. बता दें कि शंकर पांडे के कार्यकाल में नगर निगम द्वारा शहर में हुए कार्य के चलते ही स्वच्छता सर्वेक्षण में देहरादून का देश में 82वां रैंक आया था. सम्मान कार्यक्रम के बाद बोर्ड बैठक का आयोजन किया गया. बैठक में स्ट्रीट लाइट को लेकर पार्षदों ने काफी हंगामा भी किया. हंगामा देख मेयर ने एसएसएल कंपनी के एमडी को मैन पावर बढ़ाने के निर्देश दिये है.
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नगर निगम बोर्ड बैठक में चार प्रस्ताव पर चर्चा की गई. साथ ही स्वच्छ भारत मिशन के तहत स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 की व्यवस्थाओं के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिए गए प्रस्ताव पर विचार विमर्श किया गया और स्वीकृति दी गई. स्वच्छता सर्वेक्षण में नगर निगम को अच्छी रैंक लाने के लिए 1 करोड़ 75 लाख बजट जारी किया गया है. ताकि शहर को ओर अधिक साफ सुथरा किया जा सके. अब शौचालयों में फीडबैक मशीन लगाई जाएगी, सीसीटीवी , नदी नालों की सफाई के लिए डेढ़ करोड़ रुपए जारी किया गया.
इसके अलावा स्वर्गीय विधायक हरबंस कपूर के नाम से पार्क और सीमाद्वार के पास सड़क का नाम रखा जाने का फैसला लिया गया. साथही शहीद विपिन रावत के नाम से चकराता रोड पर शहीद द्वार बनाने का भी फैसला लिया गया.सभी 100 पार्षदो को आचार सहिंता के बाद मार्च में 20-20 लाख रुपए वार्डों के विकास के लिए दिए जाएंगे.