देहरादून:जोशीमठ भू-धंसाव संकट के बीच लगातार बर्फबारी हो रही है. लगातार घट रहे तापमान ने जोशीमठ के आपदा पीड़ितों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. वहीं दूसरी तरफ असुरक्षित भवनों और होटलों को तोड़े जाने का काम भी रुक गया है. ऐसी स्थिति में आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा क्या कुछ व्यवस्था की गई हैं, इसको लेकर आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने जानकारी दी.
जोशीमठ नगर क्षेत्र में हो रहे भू-धंसाव एवं भूस्खलन के बाद राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे राहत व बचाव तथा स्थायी/अस्थायी पुनर्वास आदि से सम्बन्धित कार्यों को आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने मीडिया के सामने रखा. सिन्हा ने बताया कि जोशीमठ में लगातार बर्फबारी से तापमान में भारी गिरावट देखने को मिली है. हालांकि इससे राहत और बचाव कार्य के अलावा जांच कार्य में किसी तरह की बाधा नहीं हुई है. लगातार बढ़ रही ठंड के चलते राहत शिविरों में हीटर और अलाव की पर्याप्त व्यवस्था की गई है.
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आपदा प्रबंधन सचिव ने जानकारी दी कि अब तक जोशीमठ में सर्वे के दौरान 863 घरों में दरारें चिन्हित की गई हैं. इसके अलावा जोशीमठ जेपी कॉलोनी में हो रहे पानी के रिसाव में भी बढ़ोत्तरी देखने को मिली है. पानी का डिस्चार्ज परसों 100LPM से बढ़ाकर कल 150LPM और आज 250LPM हो गया है. वहीं, अस्थायी रूप से चिन्हित राहत शिविरों में जोशीमठ में राहत शिविरों में कक्षों की संख्या 615 से बढ़ाकर 650 कर दी गई है, जिनकी क्षमता 2919 लोगों की है. पीपलकोटी में 491 कक्ष हैं जिनकी क्षमता 2205 लोगों की है.