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सरकारी स्कूलों में नहीं बंटी किताबें, DGE ने अपने समेत 600 अफसरों-कर्मचारियों का वेतन रोका

प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में गर्मियों की छुट्टियों से पहले ही सभी छात्र-छात्राओं को निशुल्क किताबों का वितरण होना था. लेकिन शिक्षा विभाग (Uttarakhand Education Department) के अधिकारियों और कर्मचारियों की हीलाहवाली का नतीजा ही है कि छात्र-छात्राओं को अब तक निशुल्क किताबों का वितरण नहीं हो पाया है. महानिदेशक शिक्षा ने किताबों का वितरण न होने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए विभाग के करीब 600 अधिकारियों और कर्मचारियों के वेतन पर रोक लगा दी है. साथ ही स्वयं को जिम्मेदार मानते हुए अपना वेतन भी रोक दिया है.

Director General Education Banshidhar Tiwari
महानिदेशक शिक्षा बंशीधर तिवारी

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Published : Jun 6, 2022, 12:52 PM IST

Updated : Jun 9, 2022, 6:04 PM IST

देहरादून:प्रदेश में सरकारी स्कूलों में दो माह कक्षाएं संचालित होने के बाद अब गर्मियों की छुट्टियां भी शुरू हो चुकी हैं. लेकिन शिक्षा विभाग (Uttarakhand Education Department) के अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही के कारण छात्र-छात्राएं दो माह से बिना किताबों के ही पढ़ाई कर रहे थे. जिसकी जानकारी जब शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों को मिली, तो विभाग में हड़कंप मच गया.

अधिकारियों और कर्मचारियों की इस बड़ी लापरवाही का महानिदेशक शिक्षा ने संज्ञान लेते हुए छात्र-छात्राओं को जब तक किताबें वितरित नहीं होती हैं, तब तक के वेतन पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही महानिदेशक शिक्षा बंशीधर तिवारी ने स्वयं को भी जिम्मेदार मानते हुए अपने वेतन को भी रोक दिया है. बता दें कि प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में गर्मियों की छुट्टियों से पहले ही सभी छात्र-छात्राओं को निशुल्क किताबों का वितरण होना था.

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लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की हीलाहवाली का नतीजा ही है कि छात्र-छात्राओं को अब तक निशुल्क किताबों का वितरण नहीं हो पाया है. जिसका संज्ञान लेते हुए महानिदेशक शिक्षा बंशीधर तिवारी ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों की बैठक ली और किताबों के वितरण न होने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए विभाग के करीब 600 अधिकारियों और कर्मचारियों के वेतन पर रोक लगा दी है. साथ ही स्वयं को जिम्मेदार मानते हुए अपना वेतन भी रोक दिया है.

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बंशीधर तिवारी ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि एक सप्ताह के भीतर सभी छात्र-छात्राओं को घर-घर जाकर किताबों का वितरण किया जाए. इसके साथ ही जहां पर पूरी किताबें बंट जाएंगी, वहां पर प्रमाण पत्र जारी करने के बाद ही अधिकारियों और कर्मचारियों को वेतन दिया जाएगा.

Last Updated : Jun 9, 2022, 6:04 PM IST

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