देहरादूनःउत्तराखंड कांग्रेस में नेता प्रतिपक्ष को लेकर माथापच्ची जारी है. अभी तक ये साफ नहीं किया गया है किसे नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस विधायक दल का नेता बनाया जाएगा? वहीं, प्रदेश कांग्रेस नेताओं का कहना है कि केंद्रीय नेतृत्व फिलहाल प्राथमिकता के तौर पर पंजाब के हालातों पर नजर बनाए हुए हैं, जिस कारण नेता प्रतिपक्ष को लेकर विलंब हो रहा है.
बता दें कि साल 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 70 में सिर्फ 11 सीटें जीती थीं. तब 11 सदस्यीय विधायक दल में वरिष्ठ कांग्रेस नेता इंदिरा हृदयेश (Indira Hridayesh) को विधानमंडल दल का नेता बनाया गया था. उन्हें ही नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन बीते 13 जुलाई को दिल्ली में अचानक दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया था.
अब कांग्रेस पार्टी के पास 10 विधायक हैं. इनमें किसी एक को नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी देनी है. इन 10 विधायकों में से एक चकराता विधायक प्रीतम सिंह पहले ही प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. अब हाईकमान को 9 विधायकों में किसी एक नाम पर मुहर लगानी है.
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वहीं, कांग्रेस विधायक दल के नेता के रिक्त पद और प्रदेश अध्यक्ष पद पर बदलाव को लेकर हो रही देरी की मुख्य वजह कांग्रेस आलाकमान के पंजाब के हालातों पर नजर बताया जा रहा है. कांग्रेस नेताओं ने केंद्रीय नेतृत्व से मुलाकात के बाद बताया है कि पंजाब और छत्तीसगढ़ में बीजेपी नेतृत्व, कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रहा है. इसलिए कांग्रेस शासित सरकारों को बचाने के लिए नेतृत्व रणनीति बनाने में जुटा हुआ है. ऐसे में जल्द ही उत्तराखंड का फैसला भी सबके सामने आ जाएगा.