उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

DAV कॉलेज में ABVP की हार पर उच्च शिक्षा मंत्री बोले- अंदरूनी प्रॉब्लम से हुई हार

उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड में 72 फीसदी कॉलेज में एबीवीपी की जीत हुई है. डीएवी कॉलेज में एबीवीपी में अंदरूनी प्रॉब्लम थी. जिस कारण एबीवीपी की हार हुई है.

dav pg college dehradun student union election

By

Published : Sep 10, 2019, 5:45 PM IST

Updated : Sep 10, 2019, 6:14 PM IST

देहरादूनःसूबे के सबसे ज्यादा छात्र संख्या वाले डीएवी पीजी कॉलेज के छात्र संघ चुनाव में 12 साल से काबिज एबीवीपी की बादशाहत खत्म हो गई है. इस बार चुनाव में बागी निखिल शर्मा ने जीत हासिल की है. इसे ऐतिहासिक जीत मानी जा रही है. इस चुनाव में सरकार ने भी अपनी ताकत झोंक दी थी, लेकिन जीत नहीं दिला सके. वहीं, उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने भी माना है कि एबीवीपी में बगावत होने के कारण हार का मुंह देखना पड़ा है, लेकिन वे तसल्ली दे रहे हैं कि प्रदेश में 72 फीसदी प्रत्याशी एबीवीपी के प्रत्याशी जीते हैं.

डीएवी कॉलेज में एबीवीपी की हार पर उच्च शित्रा मंत्री धन सिंह रावत का बयान.

राजधानी देहरादून स्थित डीएवी कॉलेज में इस बार सब कुछ देखने मिला. सत्ता की हनक, 12 साल का इतिहास, ताकत का रौब, मारपीट, शक्ति प्रदर्शन और आरोप-प्रत्यारोप. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) बीते कई सालों से जीतकर आ रही थी, लेकिन इस बार निर्दलीय प्रत्याशी निखिल शर्मा ने सारे रिकॉर्ड धाराशाही कर दिए. इतना ही नहीं शक्ति प्रदर्शन के दौरान जब छात्र भिड़ गए थे, तब सरकार में राज्य मंत्री की भूमिका निभा रहे नेता भी सीधे तौर पर शामिल हुए थे. ऐसे में उनकी साख भी दांव पर थी.

ये भी पढे़ंःRSS ने असम NRC पर उठाए सवाल, कहा- सूची से बाहर अधिकांश लोग हिंदू

उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने सभी विजयी प्रत्याशियों को बधाई दी है. साथ ही कहा कि उत्तराखंड में 72 फीसदी कॉलेज में एबीवीपी की जीत हुई है. एबीवीपी बीते तीन सालों से अच्छा काम कर रही है और बड़े कॉलेजो में चुनाव जीत रही है. उन्होंने कहा कि डीएवी कॉलेज में एबीवीपी में अंदरूनी प्रॉब्लम थी. जिस कारण एबीवीपी की हार हुई. ऐसे में निर्दलीय प्रत्याशी को एबीवीपी में शामिल किया जाता तो ज्यादा वोट मिल सकता था. फिर भी पूरे प्रदेश में युवा शक्ति एबीवीपी के साथ है.

गौर हो कि, इस चुनाव में एबीवीपी के बागी निखिल शर्मा निर्दलीय तौर पर मैदान में उतरे थे. उन्हें एबीवीपी के कुछ पूर्व अध्यक्षों का समर्थन मिला था. जबकि, सागर तोमर एबीवीपी की सीट पर चुनाव लड़ रहे थे. उधर, एनएसयूआई से हिमांशु रावत प्रत्याशी के तौर पर मैदान पर उतरे थे. जिसमें निखिल शर्मा को 1736 वोट मिले और जीत हासिल की.

ये भी पढे़ंःअपनी मां माता मूर्ति से मिलेंगे भगवान बदरी विशाल, माणा गांव में लगेगा मेला

दूसरे नंबर पर 1075 वोट के साथ हिमांशु रावत रहे और तीसरे नंबर पर एबीवीपी के प्रत्याशी सागर तोमर महज 937 वोट हासिल कर सके. इनके अलावा उपाध्यक्ष पद पर परितोष सिंह ने जीत दर्ज की. उन्हें कुल 1513 वोट पड़े. सचिव पद पर नीरज सिंह चौहान 1780 वोट के साथ विजय रहे. वहीं, अंशिका शर्मा 1026 वोट के साथ महासचिव पद पर चुनी गई है.

Last Updated : Sep 10, 2019, 6:14 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details