देहरादून:उत्तराखंड सरकार में राज्य मंत्री धन सिंह रावत, टीएसआर (त्रिवेंद्र सिंह रावत) की सरकार में सबसे चर्चित मंत्रियों से एक रहे हैं. मंत्री पद का कार्यभार संभालते ही धन सिंह ने लीक से हटकर कुछ नए फैसले लिए थे. 2017 में बीजेपी के चुनाव जीतने के बाद वो भी मुख्यमंत्री की रेस में थे, लेकिन तब त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बाजी मारी ली थी. हालांकि इस बार पार्टी हाईकमान ने उन्हें मौका दिया है.
देखते रह गए धन सिंह रावत, तीरथ बन गए मुख्यमंत्री, 2017 में भी रेस में थे शामिल - धन सिंह रावत का परिचय
धन सिंह रावत उत्तराखंड के अगले मुख्यमंत्री नहीं बन पाए. वो सबसे चर्चित मंत्रियों में माने जाते हैं. वो हमेशा अपने इलाके में सक्रिय रहते हैं.
धन सिंह रावत ने सर्वेयर में डिप्लोमा किया है. इसके साथ उन्होंने एमए इतिहास, राजनीति विज्ञान से भी किया है. साथ ही राजनीति विज्ञान में पीएचडी भी की है. शिक्षा के जुड़ाव होने से उन्होंने कई पुस्तकें भी लिखी. जिसमें पदयात्रा, पंचायती राज एक अध्ययन, पंच केदार, पंच बदरी, पंच प्रयाग लिखी. वहीं उत्तराखंड के ताल बुग्याल, उत्तराखंड के बावन गढ़ों का इतिहास अप्रकाशित है. उत्तराखंड को अगल राज्य का दर्जा दिलाने के लिए उन्होंने राज्य आंदोलन में भी सक्रिय भूमिका निभाई थी. इस वजह से दो बार उन्हें जेल भी जाना पड़ा था.
पर्यावरण को लेकर चिंतित रहने वाले धन सिंह ने छात्र जीवन में विद्यार्थी परिषद के तत्वावधान 100 कॉलेजों में 100 पेड़ लगाये. इसके अलावा उत्तरकाशी एवं चमोली में आए भूंकप में उन्होंने 60 दिनों तक गांव-गांव में राहत कार्य किया.