हरिद्वारःउत्तराखंड में विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा जारी है. सूबे में मॉनसून आने के बाद भले ही चारधाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में कमी आ गई हो, लेकिन अब सबसे बड़ी चुनौती सरकार और प्रशासन के सामने कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra 2022 in Uttarakhand) की है. राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन की मानें तो हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पंजाब, बिहार और दिल्ली के पुलिस अधिकारियों से जो तालमेल उत्तराखंड पुलिस का बैठा है, उसके बाद यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि इस बार की कांवड़ यात्रा कुंभ मेले का रिकॉर्ड तोड़ सकती है.
एक अनुमान के मुताबिक, इस बार 14 जुलाई से शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा में लगभग 4 करोड़ श्रद्धालु गंगा स्नान और जल भरने के लिए आ सकते हैं. ऐसे में सरकार के माथे पर बल है और पुलिस प्रशासन तमाम राज्यों के पुलिस अधिकारियों से मिलकर तैयारियों को अमलीजामा पहनाने के लिए कमर कस रहा है. चंद दिनों की बात है, जब एक बार फिर से उत्तराखंड के ऋषिकेश, हरिद्वार या यूं कहें पूरा गढ़वाल भक्तों की आमद से भरा दिखाई देगा.
कांवड़ यात्रा का सफल संचालन, सरकार के पास सबसे बड़ा टास्कःदेश की सबसे बड़ी पदयात्रा कांवड़ यात्रा एक बार फिर से शुरू होने जा रही है. साल में दो दफा लगने वाले इस कांवड़ मेले में सबसे अधिक संख्या सावन के महीने में देखने को मिलता है. भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए श्रद्धालु शिवालयों मंदिरों और गंगा घाटों पर पहुंचते हैं. इस दौरान कांवड़ियों का हुजूम उत्तराखंड में देखने को मिलता है. ऐसे में राज्य सरकार के लिए चारधाम यात्रा के बाद कांवड़ यात्रा का संचालन सबसे बड़ा टास्क होगा.
चारधाम यात्रा के दौरान भी राज्य सरकार को पहले से ही इस बात का अंदेशा था कि इस बार यात्रा में रिकॉर्ड टूटेगा. देखने को भी ऐसा ही मिला है. कोरोनाकाल के बाद शुरू हुई चारधाम यात्रा में सारे रिकॉर्ड टूट गए. अभी तक 25 लाख से ज्यादा श्रद्धालु चारधाम के दर्शन कर चुके हैं. अब सरकार के सामने कांवड़ का सफल संचालन करना चुनौती भरा साबित हो सकता है. लिहाजा, एक बार फिर से राज्य सरकार और पुलिस विभाग के पास यह जानकारी पुख्ता तरीके से आ गई है कि इस बार कांवड़ यात्रा भी नया रिकॉर्ड ब्रेक करेगी.
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कांवड यात्रा का संचालन रहेगा चुनौतीपूर्णःहरिद्वार में साल 2010 में हुए कुंभ मेले की बात करें तो लगभग तीन करोड़ पचास लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाई थी. जबकि, यह संख्या मात्र 4 महीने चलने वाले कुंभ मेले की थी. इस बार 14 जुलाई से शुरू हो रहे कांवड़ मेले में करीब 4 करोड़ लोग पहुंचते हैं तो यह मेला मात्र 12 से 14 दिन चलेगा. इसका अंदाजा आप लगा सकते हैं कि तैयारियां व व्यवस्थाएं सरकार और पुलिस को किस तरह से करनी होगी. शायद यही कारण है कि सूबे के मुखिया पुष्कर सिंह धामी भी इसको अच्छी तरह से समझ रहे हैं.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने तमाम अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए हैं कि चारधाम यात्रा की तरह ही इस बार श्रद्धालुओं की भीड़ हरिद्वार और ऋषिकेश में उमड़ने वाली है. लिहाजा, तैयारियों को तेजी से किया जाए. इतना ही नहीं चारधाम यात्रा में गच्चा खा चुकी सरकार कांवड़ यात्रा में कोई परेशानी न हो, इसके लिए भी प्लान तैयार कर रही है. खुद मुख्यमंत्री पुष्कर धामी कह रहे हैं कि इसमें कोई दो राय नहीं है कि चारधाम यात्रा में इस बार श्रद्धालु अधिक आ गए थे और कांवड़ यात्रा भी इस बार चुनौती पूर्ण हो सकती है, क्योंकि यात्रा 2 साल बाद होने जा रही है. बावजूद इसके राज्य सरकार सभी शिव भक्तों के स्वागत के लिए पलक पावड़े बिछाए हुए हैं.
भक्तों के बीच कोई शरारती तत्व ना आएं, इसके लिए इंटेलिजेंस पर फोकसःकांवड़ यात्रा इस बार जितना भव्य होने जा रही है, उतनी बड़ी तैयारियां पुलिस प्रशासन भी कर रहा है. उत्तराखंड डीजीपी अशोक कुमार (Uttarakhand DGP Ashok Kumar) की मानें तो इस बार यात्रा भव्य होगी. लिहाजा, तैयारियां भी सुरक्षा के दृष्टि से पुख्ता की गई है. तमाम राज्यों की खुफिया एजेंसियों से तालमेल बिठाकर काम किया जा रहा है, ताकि किसी तरह की कोई भी गड़बड़ी न फैलाई जा सके.