देहरादूनःप्रदेश में ऊर्जा निगम के कर्मचारी अब हड़ताल नहीं कर सकेंगे. कर्मचारियों ने ऐसा किया तो उनके खिलाफ शासन के स्तर पर एस्मा के तहत कार्रवाई की जा सकेगी. दरअसल ऊर्जा निगम में लगातार कर्मचारियों की हड़ताल को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश अत्यावश्यक सेवाओं का अनुरक्षण अधिनियम 1966 लागू की जाती रही है. इस बार पूर्व से लागू एस्मा की समय सीमा को बढ़ाया गया है.
ऊर्जा निगम में कर्मचारियों पर लगा प्रतिबंध जारी, सरकार ने बढ़ाई एस्मा की समय सीमा
Restrictions on employees in energy corporation उत्तराखंड में ऊर्जा निगमों के कर्मचारियों पर प्रतिबंध लगाने का सिलसिला जारी है. इस कड़ी में जहां पूर्व में निगम के कर्मचारियों पर एस्मा लगाया गया था तो वहीं अब एस्मा की समय सीमा पूरी होने के साथ ही इसे 6 महीने के लिए बढ़ा दिया गया है. इसके तहत ऊर्जा निगमों के कर्मचारियों पर हड़ताल को लेकर रोक लगाई गई है.
By ETV Bharat Uttarakhand Team
Published : Dec 13, 2023, 10:39 PM IST
|Updated : Dec 13, 2023, 10:59 PM IST
खास बात यह है कि इसके लिए सचिव ऊर्जा मीनाक्षी सुंदरम ने आदेश जारी कर दिया है. जिसे प्रदेश में उत्तराखंड जल विद्युत निगम, उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड और पावर ट्रांसमिशन निगम तीनों में ही लागू कर दिया गया है. जारी आदेश के अनुसार आगामी 6 महीने तक इन तीनों ही निगमों में हड़ताल पूरी तरह से निषिद्ध रहेगी. इस नियम के तहत यदि कर्मचारी हड़ताल करते हैं तो उन पर कड़ी कार्रवाई किए जाने का प्रावधान है.
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हालांकि कर्मचारी इस तरह के आदेशों का पूर्व में भी विरोध करते रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद भी शासन के स्तर पर हड़ताल पर रोक लगाई जाती रही है. दूसरा पहलू यह है कि कर्मचारी जब अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत होते हैं तो एस्मा के तहत कड़ा कदम उठाया जाता है. इसी को लेकर ऊर्जा निगम के उपनल कर्मचारी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष विनोद कवि ने बताया कि सरकार की तरफ से कर्मचारियों को लेकर इस तरह का आदेश किया जाना गलत है और यदि सरकार कर्मचारियों की मांगों पर समय से कार्रवाई कर दे तो फिर ऐसे आदेशों की आवश्यकता ही नहीं पड़ेगी.