देहरादून: उत्तरकाशी सिलक्यारा निर्माणाधीन टनल इन दिनों सुर्खियों में है. सिलक्यारा निर्माणाधीन टनल में लैंडस्लाइड के कारण 7 राज्यों के 40 मजदूर पिछले 6 दिन से फंसे हुए हैं. 40 मजदूरों के रेस्क्यू ऑपरेशन में एसडीआरएफ, एनडीआरफ के साथ सेना की मदद ली जा रही है. पीएम मोदी से लेकर सीएम धामी लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन का अपडेट ले रहे हैं. सीएम धामी भी घटना के दूसरे दिन ही घटनास्थल का जायजा लेने पहुंचे थे. इसके अलावा केंद्रीय मंत्री वीके सिंह, उत्तराखंड डीजीपी अशोक कुमार ने भी मौके पर पहुंचकर हालातों का जायजा लिया. ताज्जुब इस बात का है कि घटना के 6 दिन बीत जाने के बाद भी धामी सरकार का कोई मंत्री उत्तरकाशी सिलक्यारा घटनास्थल पर नहीं पहुंचा. इस पर विपक्ष भी हमलावर है.
कोई भी मंत्री नहीं पहुंचा सिलक्यारा:बीते सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी समेत तमाम आला अधिकारियों ने सिलक्यारा पहुंचकर स्थितियों का जायजा लिया, लेकिन न तो उत्तरकाशी जिले के प्रभारी मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल मौके पर जाने की जरूरत समझी और ना ही किसी कैबिनेट मंत्री ने मौके पर जाकर स्थिति का जायजा लिया. कोई भी कैबिनेट मंत्री घटनास्थल पर पहुंचकर टनल से मजदूरों को नहीं निकाल सकता, लेकिन मौके पर मौजूद रहकर अधिकारियों को तमाम जरूरी दिशा निर्देश जरूर दिये जा सकते हैं. साथ ही फंसे हुए मजदूरों के परिजनों और साथियों का हौसला भी बढ़ाया जा सकता है.
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प्रेमचंद अग्रवाल का विपक्ष ने मांगा इस्तीफा:कैबिनेट मंत्रियों के घटनास्थल पर न जाने और खासकर उत्तरकाशी के प्रभारी मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल का घटनास्थल पर न जाना, विपक्ष को एक सुनहरा अवसर दे गया है. यही वजह है कि अब विपक्ष सत्ताधारी पार्टी पर निशाना साध रहा है. यही नहीं, विपक्ष उत्तरकाशी जिले के प्रभारी मंत्री का इस्तीफा मांगते हुए राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगा रहा है.