देहरादून:शुक्रवार शाम हुई कैबिनेट बैठक में धामी सरकार (Dhami government in Uksssc paper leak case) ने बड़ा फैसला लिया. राज्य सरकार ने समूह 'ग' के करीब 7000 पदों की भर्ती परीक्षा को उत्तराखंड लोक सेवा आयोग (Uttarakhand Public Service Commission) से कराने का निर्णय लिया है. साथ ही कैबिनेट बैठक में Uksssc पेपर लीक के बाद अब 5 परीक्षाओं को निरस्त (Dhami cabinet canceled five examinations of Uksssc) कर दिया गया है. इनमें वाहन चालक, कर्मशाला अनुदेशक, मत्स्य निरीक्षक, मुख्य आरक्षी पुलिस दूरसंचार और पुलिस रैंकर्स की परीक्षाएं शामिल हैं. इन परीक्षाओं के निरस्त होने के बाद प्रदेश में 770 भर्तियां प्रभावित हुई हैं.
दरअसल, उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC Paper Leak) पेपर लीक मामले के बाद जो परीक्षाएं अधर में लटकी हुई हैं उन परीक्षाओं को उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के माध्यम से संपन्न कराया जाएगा. प्रदेश में करीब 7 हजार पद हैं, जिस संबंध में लोक सेवा आयोग तत्काल एक कैलेंडर जारी करेगा. इसके लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने निर्देश दिए हैं. समूह 'ग' की भर्ती के लिए जो अभी तक यूकेएसएसएससी में नियम थे यहां भी वही नियम लागू होंगे.
धामी कैबिनेट का बड़ा फैसला. पढे़ं- कैबिनेट BIG NEWS: UKSSSC के 5 एग्जाम रद्द, बिल लाओ और इनाम पाओ और प्रिसिंपल पदों पर एग्जाम वहीं, जिन कांस्टेबलों की फिजिकल भर्ती हो चुकी है, उनकी भर्ती परीक्षा भी अब लोक सेवा आयोग करायेगा. इसके साथ ही 13 परीक्षाएं ऐसी हैं जिनमें 5340 पद हैं, जिनकी विज्ञप्ति जारी हो गई थी, लेकिन परीक्षाएं नहीं हो पाई थी. लिहाजा, अब यह परीक्षाएं उत्तराखंड लोक सेवा आयोग से कराई जाएंगी. साथ ही 1127 पद ऐसे हैं जिसकी विज्ञप्ति अभी तक जारी नहीं हुई है, जिसका विज्ञापन अब उत्तराखंड लोक सेवा आयोग (UKPSC) जारी करेगा. पांच भर्ती परीक्षाएं जो 770 पदों के लिए हुई थी लेकिन उनका परिणाम जारी नहीं हुआ, उन्हें भी अब दोबारा उत्तराखंड लोक सेवा आयोग कराएगा. यानी UKSSSC से तहत होने वाली या हो चुकीं सभी परीक्षाओं की जिम्मेदारी अब UKPSC की है.
UKSSSC पेपर लीक मामले में 36 आरोपी गिरफ्तारःगौर हो कि बीती 24 जुलाई को उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (Uttarakhand Subordinate Service Selection Commission) में फर्जीवाड़े को लेकर बड़ा खुलासा हुआ था. इस मामले में उत्तराखंड एसटीएफ की टीम 36 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. जिनमें परीक्षा करवाने वाली कंपनी के टेक्निकल स्टाफ, आयोग के होमगार्ड, कोचिंग संचालक, कुछ मुन्नाभाई, सचिवालय में तैनात अपर सचिव, जखोल जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह समेत कई लोग शामिल हैं.
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आयोग की 6 परीक्षाओं की जांच जारीः उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की 6 परीक्षाओं की जांच चल रही हैं. फिलहाल उत्तराखंड एसटीएफ आयोग की स्नातक स्तरीय और सचिवालय रक्षक भर्ती प्रक्रिया की मुकदमा दर्ज कर जांच कर रही है. इसमें वीडियो भर्ती परीक्षा में जांच विजिलेंस से एसटीएफ को ट्रांफसर किया गया है. जबकि स्नातक स्तरीय और सचिवालय रक्षक भर्ती की जांच एसटीएफ कर रही है. इसके अलावा सब इंस्पेक्टर 2015 भर्ती घोटाला की जांच का जिम्मा विजिलेंस को दिया गया है. वहीं, वन आरक्षी और कनिष्ठ सहायक (न्यायिक) परीक्षा की जांच भी जारी है. इन मामलों में अभी तक 36 गिरफ्तारी हो चुकी है.
इसके अलावा उत्तराखंड विधानसभा बैकडोर भर्ती (Uttarakhand Assembly Recruitment Scam) मामला भी इन दिनों सुर्खियों में है. इस मामले में उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने तीन सदस्य जांच कमेटी गठित की है, जो एक महीने में अपनी रिपोर्ट देगी. पहले चरण में साल 2012 से लेकर अभी (2022) तक की भर्तियों की जांच होगी और दूसरे चरण में राज्य गठन 2002 से लेकर 2012 की भर्तियों की जांच की जाएगी. बता दें विधानसभा भर्ती घोटाले में तमाम नेताओं के रिश्तेदारों और करीबियों के नाम सामने आएं हैं.