देहरादून:राजधानी देहरादून के सबसे बड़े रियल एस्टेट पुष्पांजलि प्रोजेक्ट फर्जीवाड़ा मामले में करोडों रुपये धोखाधड़ी के शिकार लोगों को अबतक न्याय नहीं मिला है. फिलहाल यह मामला रेरा प्राधिकरण और ईडी के पास है. पीड़ितों का आरोप है कि इस मामले में कोई भी एजेंसी आरोपी बिल्डर दीपक मित्तल के खिलाफ अबतक कोई ठोस कार्रवाई सुनिश्चित नहीं कर सकी है.
बता दें, पुष्पांजलि रियल स्टेट प्रोजेक्ट धोखाधड़ी का मामला पिछले 2020 में सामने आया था. इस मामले में करीब 100 लोगों के साथ 70 करोड़ करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी की गई. देहरादून के सहस्त्रधारा व राजपुर जैसे इलाके में घर खरीदने का सपना देखने वाले लोगों से करोड़ों रुपये गबन कर मुख्य आरोपी बिल्डर दीपक मित्तल पिछले 2 साल से दुबई में छिपा हैं.
दीपक मित्तल के खिलाफ अब तक कार्रवाई:इस मामले में पीड़ितों की शिकायत के आधार पर आधा दर्जन से अधिक मुकदमें पुष्पांजलि रियल स्टेट प्रोजेक्ट के संचालक दीपक मित्तल के खिलाफ देहरादून के राजपुर थाना डालनवाला में दर्ज हैं. पुलिस की प्रारंभिक कार्रवाई में दीपक मित्तल पर शिकंजा कसते हुए पहले लुक आउट नोटिस जारी किया गया, फिर उसके बाद रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की जानकारी जरूर सामने आई थी. शिकायतकर्ताओं के मुताबिक यह कार्रवाई अभी तक अमल में नहीं लाई जा सकी है.
पुष्पांजलि रियल एस्टेट प्रोजेक्ट धोखाधड़ी का शिकार हुई कविता भाटिया का आरोप है कि उन्होंने साल 2017 में दीपक मित्तल के पुष्पांजलि प्रोजेक्ट एक फ्लैट खरीदने में अपनी सारी जमा पूंजी लगाई थी, लेकिन इस फर्जीवाड़े में उसकी सारी कमाई भी चली गई. आज तक कोई फ्लैट भी नहीं मिला. कविता के मुताबिक 3 महीने तक परेशान होकर थाने के चक्कर काटती रहीं. बमुश्किल इसमें साल 2020 में मुकदमा दर्ज हुआ.
पढ़ें- पुष्पांजलि प्रोजेक्ट घोटाला: दुबई फरार बिल्डर पर एक और मुकदमा दर्ज, प्रॉपर्टी से होगी वसूली
शुरुआती कार्रवाई में पुलिस की तरफ से काफी हद तक दीपक मित्तल पर शिकंजा कसने का प्रयास रहा, लेकिन वर्तमान में यह मामला रेरा प्राधिकरण और ईडी के पास है. आज किसी भी एजेंसी द्वारा अब इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. कविता भाटिया के मुताबिक इस न्याय की लड़ाई में खुद डिप्रेशन में आ गईं हैं और एक कंपनी बड़े पद वाली नौकरी छोड़कर न्याय के लिए भटकने को मजबूर हैं.
कविता के मुताबिक पुलिस रिपोर्ट में पता चला है कि दुबई में छिपे बैठे दीपक मित्तल के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस की कार्रवाई काफी दिनों पहले होने के बात कही गई थी, लेकिन इसमें कोई कार्रवाई अब तक नहीं हो पाई है. यही कारण है कि दर्जनों लोगों के करोड़ों गबन करने वाले डिफाल्टर बिल्डर दीपक मित्तल की गिरफ्तारी नहीं हो पा रही हैं.
अपने जीवनभर की कमाई के 59 लाख रुपए गवाने वाली कविता भाटिया का कहना है कि मात्र एक घर खरीदने का सपना ही तो देखा था, जिंदगी भर की मेहनत की कमाई एक झटके में लूट ली गई. दीपक मित्तल जैसे डिफाल्टर बिल्डरों के खिलाफ दर्जनों ऐसी शिकायत होने के बावजूद सरकारी सिस्टम किसी को न्याय देने के लिए कार्रवाई नहीं कर रहा है जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है.
इस मामले में पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार का कहना है कि पुलिस की तरफ से धोखाधड़ी कि कई मामले पहले दर्ज कर कानूनी कार्रवाई जारी है. डीजीपी ने कहा कि अगर इस मामले पर कोई कोताही या लापरवाही बरती जा रही है, तो जांच कर रहे अधिकारियों से जल्द ही जवाब तलब कर कार्रवाई को आगे बढ़ाया जाएगा.
बता दें, इस मामले में देहरादून पुलिस फिलहाल कुछ भी कहने से बच रही है. पुलिस के मुताबिक इस मामले में आरोपी दीपक मित्तल के खिलाफ कई मुकदमे दर्ज हैं. इसके बाद रेड कॉर्नर नोटिस कभी पत्राचार संबंधित एजेंसी द्वारा किया जा चुका हैं. रेरा भी इस मामले में कविता भाटिया जैसे ठगी के शिकार लोगों के पक्ष में निर्णय दे चुका हैं, लेकिन पुष्पांजलि बिल्डर दीपक मित्तल से रिकवरी किसी तरह से भी नहीं हो पाई है. वहीं, पीड़ित कविता भाटिया के मुताबिक यह केस ईडी के समक्ष है, जहां से कोई प्रभावी कार्रवाई अब तक नजर नहीं आई है.