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डीजीपी ने शिकायतों का लिया संज्ञान, लापरवाही पर जांच अधिकारी को किया निलंबित

डीजीपी अशोक कुमार द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जनपद देहरादून, हरिद्वार, चमोली और उधम सिंह नगर के विभिन्न शिकायती प्रकरण, जहां शिकायतकर्ता जनपद पुलिस द्वारा की गयी जांच और विवेचना से संतुष्ट नहीं थे. ऐसे प्रकरण की समीक्षा की गयी.

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डीजीपी अशोक कुमार

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Published : Jan 15, 2021, 9:14 PM IST

देहरादून:आमजन को त्वरित न्याय दिलाने के लिए डीजीपी अशोक कुमार ने पहल की है. जिसके तहत आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से कई पुलिस शिकायतों का समाधान किया है. डीजीपी अशोक कुमार द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जनपद देहरादून, हरिद्वार, चमोली और उधम सिंह नगर के विभिन्न शिकायती प्रकरण, जहां शिकायतकर्ता जनपद पुलिस द्वारा की गयी जांच और विवेचना से संतुष्ट नहीं थे. ऐसे प्रकरण की समीक्षा की गयी.

इस समीक्षा के दौरान जनपद देहरादून के प्रकरण में कौलागढ़ निवासी एक महिला ने अपने पति के साथ हुई घटना के सम्बन्ध में थाना पटेलनगर पुलिस द्वारा हल्की धाराओं में मुकदमा पंजीकृत करने के आरोप लगाए जाने सम्बन्धी शिकायती प्रार्थना पत्र पुलिस मुख्यालय भेजा था. जिस संबंध में मुख्यालय द्वारा करायी गयी जांच में आरोपियों के खिलाफ विभिन्न थानों में मुकदमा पंजीकृत होना पाया गया है.

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डीजीपी द्वारा इस प्रकरण से संबंधित जांच पत्रावली की समीक्षा और सभी उपस्थित जनों का पक्ष सुनने के बाद संबंधित विवेचना अधिकारी को दोषपूर्ण मानते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित किया. साथ ही प्रकरण की जांच स्तर बढ़ाने की हिदायत देते हुए सीओ सदर को चेतावनी दी गयी. वहीं, इस प्रकरण की जांच 15 दिन के भीतर रिपोर्ट प्रेषित करने के लिए एसएसपी देहरादून को निर्देशित किया गया है.

जनपद उधम सिंह नगर के प्रकरण में खड़कपुर निवासी एक महिला ने कारागार सितारगंज के बंदी रक्षकों पर सजायाफ्ता बंदियों के घर की महिलाओं का टेलीफोन नम्बर प्राप्त कर उनसे अश्लील बातें करना, बंदियों को जेल में मोबाइल, ब्लूटूथ, नशीले पदार्थ उपलब्ध कराने के लिए पैसे की सौदेबाजी करने और पैसे एकाउन्ट में मांगने का आरोप लगाए जाने संबंधी शिकायती प्रार्थना पत्र पुलिस मुख्यालय प्रेषित किया गया था.

डीजीपी द्वारा प्रकरण से संबंधित जांच की समीक्षा के बाद प्रार्थना पत्र में आरोप गंभीर प्रवृति के हैं, लेकिन इसकी कोई जांच नहीं हुई. मात्र समझौते के आधार पर जांच को समाप्त कर दिया गया. जांच में न ही कॉल रिकार्डिंग और न ही बंदी रक्षकों के बैंक खातों को चैक किया गया। आरोपों की जांच गहराई से करनी चाहिए थी. प्रकरण की जांच स्तर बढ़ाने की हिदायत देते हुए क्षेत्राधिकारी सितारगंज को चेतावनी दी गयी. साथ ही प्रकरण की जांच एसओजी से भी कराने के लिए एसएसपी, उधम सिंह नगर को निर्देशित किया गया है.

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जनपद हरिद्वार के प्रकरण में मंगलौर निवासी राजू त्यागी द्वारा अपनी नाबालिग पुत्री को 2 महीने से अधिक समय होने के बाद भी बरामद नहीं कर पाने सम्बन्धी शिकायती प्रार्थना-पत्र पुलिस मुख्यालय प्रेषित किया गया था. जिस संबंध में डीजीपी द्वारा संबंधित विवेचना को दूसरे थाने के सक्षम विवेचाधिकारी को ट्रांसफर करते हुए नाबालिग को जल्द बरामद करने के लिए एसएसपी, हरिद्वार को निर्देशित कियाय

वहीं, महिला संरक्षण समिति, चमोली द्वारा एक शिकायती प्रार्थना पत्र में मुख्यालय द्वारा करायी गयी जांच में एसओजी प्रभारी की संलिप्ता प्रकाश में आने पर डीजीपी द्वारा उपनिरीक्षक के खिलाफ कार्यवाही किये जाने के लिए एसपी, चमोली को निर्देशित किया गया है.

डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये आम जन की शिकायतों का निस्तारण किया है. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जनपद देहरादून, हरिद्वार, चमोली और उधम सिंह नगर के विभिन्न शिकायती प्रकरण जहां शिकायतकर्ता जनपद पुलिस द्वारा की गयी जांच और विवेचना से संतुष्ट नहीं थे. प्रकरण की समीक्षा की गयी साथ ही शिकायतों के निस्तारण के लिए निर्देशित किया गया है.

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