देहरादूनः क्लेमेंटाउन थाना क्षेत्र के सुभाष नगर स्थित नेवी ऑफिसर की करोडों की जमीन और हैरिटेज बंगले पर कब्जे का मामला सुर्खियों में है. यहां भूमाफियाओं ने अवैध कब्जा करने के उद्देश्य से बंगले में तोड़फोड़ की और उनका सामान भी लूट लिया. इस मामले में देहरादून पुलिस की लचर रवैया भी सामने आया. जिस पर डीजीपी अशोक कुमार ने कड़ी नाराजगी जताई है.
अब मामले में जांच का जिम्मा देहरादून एसपी से हटाकर हरिद्वार पुलिस अधिकारी को सौंप दिया है. ताकि निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से जांच हो सके. वहीं, आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए स्पेशल टास्क फोर्स (STF) और एसओजी (SOG) को जिम्मा दिया गया है. इससे पहले पीड़िता डीजीपी अशोक कुमार से मिलीं. डीजीपी ने लापरवाही बरतने पर क्लेमेंटाउन थाना प्रभारी नरेंद्र गहलोत को सस्पेंड किया.
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जानकारी के मुताबिक, बंगले की पुरानी केयर टेकर पर भी इस वारदात को अंजाम देने का आरोप लगा है. साथ ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ और मुजफ्फरनगर के बदमाशों का नाम भी सामने आ रहा है. ऐसे में बड़े स्तर पर गिरफ्तारी की कवायद जारी है. वहीं, इस मामले में दिवंगत नेवी ऑफिसर वीके कपूर की 70 वर्षीय पत्नी कुसुम कपूर और उनकी बेटी को जान का खतरा मानते हुए पुलिस मुख्यालय ने दो गनर उपलब्ध कराए हैं.
अपराधियों को संरक्षण देने वाले पुलिस कर्मियों पर होगी कार्रवाईःउत्तराखंड डीजीपी अशोक कुमार का कहना है कि यह बेहद गंभीर मामला है. इसकी निष्पक्ष और पारदर्शी जांच के लिए हरिद्वार पुलिस को नियुक्त किया गया है. मुकदमे में डकैती, लूटपाट और अन्य धाराएं बढ़ाई गई है. अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए स्पेशल टीम को जिम्मेदारी सौंपी गई है. डीजीपी का साफतौर पर कहना है कि अपराधियों को संरक्षण देने वाले पुलिस कर्मियों को विभाग में नहीं रखा जाएगा. ऐसे पुलिस कर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
पीड़ित पक्ष ने चुनाव आयोग के बाद डिफेंस मुख्यालय को भी भेजी शिकायतःउधर, इस मामले में पीड़ित पक्ष ने चुनाव आयोग को पत्राचार करने के बाद अब डिफेंस मुख्यालय और सैनिक कल्याण बोर्ड को भी लिखित शिकायत दर्ज कराई है. ऐसे में यह मामला अब उच्च स्तर तक जाने की संभावना जताई जा रही हैं. पीड़ित पक्ष के मुताबिक, शनिवार सुबह स्थानीय सैन्य अधिकारी ने भी घटनास्थल का जायजा लेते हुए जानकारी जुटाई है.
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सदमे में पीड़िता:ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान दिवंगत नेवी ऑफिसर वीके कपूर की 70 वर्षीय पत्नी कुसुम कपूर का दर्द साफ नजर आया. उनका कहना है जिस आलीशान बंगले की सपने की तरह सजो रखा था, उसको मिट्टी होते देख आंखों से आंसू नहीं रुक रहे हैं. अब वो सड़क पर आ गए हैं और सिर छुपाने की जगह तक नहीं बची. अपने ही जगह पर टेंट लगाकर रहने को मजबूर हैं. हालांकि, अभी पीड़ित पक्ष को कुछ दिनों के लिए देहरादून नेवल यूनिट में रहने की सुविधा दी गई है, लेकिन यह चंद दिनों की व्यवस्था बताई जा रही है.
जानिए क्या है पूरा मामलाःदिवंगत नेवी ऑफिसर गैलेंट्री अवॉर्ड सम्मानित वीके कपूर की पत्नी कुसुम कपूर के मुताबिक, उनके पति के मामा मोहिंदर मलिक ने साल 1996 में विद्याभूषण नाम के व्यक्ति से सुभाष नगर में 5 बीघा भूमि और उस पर बने 100 साल पुरानी आलीशान बंगले को सेल डीड के अनुसार खरीदा था. साल 1997 में रजिस्ट्री हुई. उसके बाद वीके कपूर और उनका परिवार यहां रहने लगा.