देहरादून:राजधानी देहरादून में बेशकीमती जमीनों में कब्जा करने के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. भू-माफिया बेखौफ होकर खाली पड़ी जमीनों पर नजर गड़ाए हुए हैं. जिसमें शासन-प्रशासन और सफेदपोश के मौन से सवाल उठते रहे हैं. ताजा मामला थाना पटेल नगर क्षेत्र के अंतर्गत चंद्रबनी स्थित तिब्बती फाउंडेशन संस्था की 14 एकड़ बेशकीमती जमीन को कब्जाने का है. इस खेल में आईएसबीटी चौकी इंचार्ज की मिलीभगत का मामला सामने आने के बाद बीते दिन डीजीपी अशोक कुमार द्वारा चौकी प्रभारी को निलंबित कर एसपी क्राइम को जांच के आदेश दिए हैं. वहीं तिब्बती फाउंडेशन से जुड़ी प्रॉपर्टी पर शनिवार से पीएससी तैनात कर दी गई है. डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि मामले भू-माफियाओं और स्थानीय पुलिस की मिलीभगत मिलने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. जो अभी जारी है और आगे भी जारी रहेगी.
जानिए क्या है मामला:तिब्बती फाउंडेशन की दशकों पुरानी 14 एकड़ बेशकीमती जमीन को स्थानीय पुलिस की मिलीभगत से कब्जाने का खेल चल रहा था. ऐसे में साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि भू-माफिया सिंडिकेट को कितना बड़ा संरक्षण सरकारी तंत्र और राजनीतिक वर्चस्व वाले लोगों से मिला हुआ है. आरोप है कि तिब्बती फाउंडेशन संस्था की जमीन कब्जाने के मामले में पुलिस मुख्यालय के आदेश पर आरोपित भू-माफियाओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होने के बाद से बचाने के प्रयास तेज हो गए हैं. साथ ही राजनीतिक संरक्षण का भी आरोप लग रहा है.
राजधानी में जमीन कब्जाने के मामले:बीते दिनों पुलिस मुख्यालय द्वारा संज्ञान लेने के बाद देहरादून में चार बड़ी प्रॉपर्टीयों को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कब्जाने का मामला सामने आया है. साथ ही मुख्यालय हस्तक्षेप के बाद मुकदमा दर्ज कर स्थानीय पुलिस सहित आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की गई. पहला मामला कुछ दिनों पूर्व ही सामने आया, जहां सुप्रीम कोर्ट और सेबी के फर्जी दस्तावेज के आधार पर प्रशासन के साथ मिलीभगत से 100 करोड़ से अधिक सरकारी भूमि को विक्रय करने का मामला एसटीएफ द्वारा उजागर कर मुख्य आरोपी सहित कई लोगों को जेल भेजा गया है.
दूसरा मामला पिछले दिनों थाना क्लेमेंनटाउन से सामने आया था. जहां पुलिस की मिलीभगत से दिनदहाड़े बंदूक की नोक पर दबंगई दिखाते हुए भू-माफियाओं द्वारा सुभाष नगर स्थित 5 बीघा बेशकीमती जमीन को कब्जाने के लिए हेरिटेज बिल्डिंग को जेसीबी से गिराने का मामला सामने आया. मामले पर पुलिस मुख्यालय के हस्तक्षेप के बाद थाना प्रभारी को निलंबित कर कई आरोपियों की गिरफ्तारी की गई, जबकि मुख्य आरोपी सहित कई लोग अब भी फरार चल रहे हैं.
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