देहरादूनःउत्तराखंड में साल 2002-03 में हुए 253 दरोगा भर्ती घोटाला प्रकरण पर इन दिनों सुनवाई चल रही है. मामले में वर्तमान पुलिस महानिदेशक अनिल कुमार रतूड़ी से देहरादून की विशेष भ्रष्टाचार निरोधक सीबीआई कोर्ट में बयान दर्ज किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में शनिवार को भी डीजीपी अपना बयान दर्ज कराने सीबीआई कोर्ट पहुंचे. बीते रोज शुक्रवार को भी उन्होंने मामले में अपना बयान दर्ज कराया था. बताया जा रहा है कि सोमवार को भी फिर से डीजीपी को कोर्ट में पेश होकर मामले में अन्य सवालों के बयान दर्ज कराने होंगे.
सीबीआई कोर्ट पहुंचे डीजीपी अनिल कुमार रतूड़ी. गौर हो कि, साल 2002-03 में 253 दरोगाओं के भर्ती प्रक्रिया में भ्रष्टाचार होने का मामला सामने आया था. इस प्रकरण पर विभागीय जांच भी गई थी, लेकिन मामले पर संतुष्टि ना मिलने पर राज्य सरकार ने भर्ती घोटाले की जांच सीबीआई को सौंपी थी. जिसके बाद सीबीआई ने सभी तरह की जांच पड़ताल विवेचना पूरी कर साल 2014 में पूर्व डीजीपी पीडी रतूड़ी और एडीजी राकेश मित्तल समेत अन्य लोगों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी.
ये भी पढ़ेंः19 लाख लोग NRC से बाहर, अपील करने के लिए 4 महीने का समय
जिसके बाद से ही सीबीआई कोर्ट में लगातार इस भर्ती घोटाले की सुनवाई प्रक्रिया चल रही है. सीबीआई की ओर से जांच पड़ताल में 36 गवाहों के बयान कोर्ट में दर्ज कराए जा चुके हैं. हालांकि, इस घोटाले में अब तक 7 दरोगा बर्खास्त भी किए जा चुके हैं. वहीं, भर्ती प्रकरण में वर्तमान डीजीपी अनिल कुमार रतूड़ी से कानूनी प्रक्रिया के तहत बयान दर्ज कराए जा रहे हैं.
इस प्रकरण के दौरान वर्तमान डीजीपी अनिल कुमार रतूड़ी पुलिस मुख्यालय में डीआईजी कार्मिक के पद पर तैनात थे. लिहाजा उनके बयान को भी महत्वपूर्ण मानते हुए कोर्ट प्रक्रिया के तहत दर्ज कराए जा रहे हैं. मामले में सीबीआई ने उन्हें सूचना देकर कोर्ट में पेश होकर बयान देने को कहा था. जिसके बाद डीजीपी रतूड़ी कोर्ट के समक्ष अपना बयान दर्ज करा रहे हैं.
ये भी पढे़ंःपंतनगर यूनिवर्सिटी में हड़ताल को लेकर सरकार सख्त, CM त्रिवेंद्र ने कड़ी कार्रवाई के दिए संकेत
इसी कड़ी में शनिवार को दूसरे दिन भी डीजीपी रतूड़ी देहरादून की विशेष भ्रष्टाचार निरोधक सीबीआई कोर्ट सुजाता सिंह की अदालत में तय समयानुसार 12:00 बजे से पहले ही अपने बयान दर्ज करने पहुंचे. जहां कोर्ट प्रक्रिया पूरी होने के बाद वो करीब एक बजकर 13 मिनट पर अपने बयान दर्ज कर कोर्ट परिसर से बाहर निकलकर अपने गंतव्य को निकले.