देहरादून: स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही का मामला सामने आ रही है. खबर कोरोना के नए स्ट्रेन से जुड़ी है, लिहाजा इसकी गंभीरता को भी आसानी से समझा जा सकता है. चौंकाने वाली बात यह है कि इतने गंभीर मामले को भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी दबाने की कोशिश करते रहे, हालांकि स्वास्थ्य महानिदेशक अमिता उप्रेती ने नए स्ट्रेन की अब पुष्टि कर दी है.
देहरादून में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी किस कदर लापरवाही कर रहे हैं, इसका आकलन कोरोना के नए स्ट्रेन के मरीज से किया जा सकता है. सबसे पहले तो स्वास्थ्य विभाग में कोविड-19 के नोडल अधिकारी डॉ. राजीव दीक्षित नए स्ट्रेन पर गुमराह करते रहे. उधर, मामला सामने आने के बाद देहरादून जिले के अधिकारियों ने जानकारी को दबाने के लिए गुमराह करना शुरू कर दिया. हालांकि स्वास्थ्य महानिदेशक अमिता उप्रेती ने देहरादून में कोरोना के नए स्ट्रेन की पुष्टि कर ही दी.
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बहरहाल, मामला यहीं तक सीमित नहीं है क्योंकि आरोप है कि इस मामले में मरीज को परेशान करने से लेकर नए स्ट्रेन के फैलने तक का इंतजार किया जाता रहा. सूत्रों के अनुसार जिस मरीज को कोरोना के नए स्ट्रेन से ग्रसित बताया जा रहा है, स्वास्थ्य विभाग काफी पहले ही उसका सैंपल ले चुका था. चौंकाने की बात यह है कि सैंपल लेने के करीब 18 दिनों बाद मरीज को आइसोलेट किया गया, जबकि खुद स्वास्थ्य महानिदेशक यह कह रही हैं कि 14 दिनों में ही वायरस खुद-ब-खुद खत्म हो जाता है.