देहरादून: राज्य सरकार ने 2018 में डेस्टिनेशन उत्तराखंड के नाम से भव्य इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया था. इसका मुख्य उद्देश्य देश विदेश के निवेशकों को प्रदेश में निवेश के लिए आकर्षित करना था. लेकिन आज ढाई साल से ज्यादा का वक्त बीत जाने के बावजूद भी स्थिति यह है कि साल 2012 में आयोजित इन्वेस्टर्स समिट में किए गए एक चौथाई समझौते अब तक धरातल पर नहीं उतर पाए हैं.
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आपको जानकर हैरानी होगी कि इन्वेस्टर्स समिट 2018 के दौरान लगभग 124 हजार करोड़ की पूंजी निवेश के लिए 601 समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए थे. ढाई साल में अब तक केवल 15.56 हजार करोड़ के समझौते पर ही अब तक कुछ बात आगे बढ़ सकी है. सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार प्रदेश में यह स्थिति इसलिए है क्योंकि ढाई साल गुजरने के बावजूद अधिकांश निवेशकों ने अब उत्तराखंड में निवेश करने में रुचि दिखाना कम कर दिया है.
इन्वेस्टर्स समिट 2018 में हुए समझौते
इन्वेस्टर्स समिट 2018 में हुए समझौते बता दें कि साल 2018 में इन्वेस्टर्स समिट के दौरान राज्य सरकार ने दावा किया गया था कि इन सभी समझौतों के धरातल पर उतरने से प्रदेश के 3.5 लाख युवाओं को रोजगार मिलेगा. वास्तविक सच्चाई यही है कि इन ढाई सालों में अब तक 15.56 हजार करोड़ के समझौते पर ही काम आगे बढ़ सका है. जिससे प्रदेश के महज 40 हजार युवाओं को ही रोजगार मिल सकेगा.