देहरादून: उत्तराखंड वन विभाग में तैनात महिला वन पशु चिकित्सक को अपने ही विभागीय अफसरों द्वारा मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का मामला चर्चा का विषय बनता जा रहा है. इस प्रकरण में दून पुलिस द्वारा आरोपित तीनों बड़े IFS अधिकारियों को पूछताछ का समन पिछले दिनों जारी किया गया था. इसके बावजूद तीनों आरोपित वरिष्ठ वन अधिकारी सोमवार को भी अपने बयान दर्ज करने जांच अधिकारी के समक्ष नहीं पहुंचे.
इस मामले में जांच अधिकारी सीओ सिटी शेखर सुयाल का मानना है कि अगले 3 से 4 दिनों में संबंधित अधिकारियों से प्रारंभिक पूछताछ कर आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी. बता दें, राष्ट्रीय महिला आयोग को इस मामले में पीड़ित वन पशु चिकित्सक डॉक्टर अदिति शर्मा द्वारा शिकायत दर्ज कराई गई थी. जिसका संज्ञान लेते हुए देहरादून पुलिस को इस मामले में केंद्रीय महिला आयोग आयोग द्वारा जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए गए.
जानकारी के मुताबिक उत्तराखंड के राजाजी टाइगर रिजर्व फॉरेस्ट में तैनात वन पशु चिकित्सक डॉक्टर अदिति शर्मा ने आरोप लगाते हुए केंद्रीय महिला आयोग में अपने ही विभाग के तीन बड़े आईएएस अफसरों पर नौकरी के दौरान तरह-तरह से मानसिक प्रताड़ित करने जैसे मामले में शिकायत दर्ज कराई थी. आरोप के मुताबिक वन विभाग के पूर्व प्रमुख वन संरक्षक रंजना काला, मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक जे सुहाग और राजाजी फॉरेस्ट के निदेशक डीके सिंह द्वारा डॉ. अदिति शर्मा को उनके कार्यस्थल पर पक्षपात रवैया अपनाते हुए अलग-अलग तरीके से मानसिक उत्पीड़न किया गया था.