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CM धामी बोले- प्रदेश के लिए प्रभावशाली साबित होगा चिंतन शिविर, निकलेगा सुखद परिणाम - चिंतन शिविर प्रदेश के लिए प्रभावशाली होगा साबित

मसूरी के लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी में आयोजित सशक्त उत्तराखंड@25 चिंतन शिविर का समापन हो गया है. चिंतन शिविर में विभागों ने भविष्य के रोडमैप को लेकर प्रजेंटेशन दिया. चिंतन शिविर को लेकर सीएम धामी ने कहा कि उत्तराखंड को अग्रणी राज्य बनाने के लिए तीन दिनों तक मंथन हुआ है. इसके प्रभावी और सुखद परिणाम देखने को मिलेंगे.

LBSNA Mussoorie Chintan Shivir
चिंतन शिविर के तीसरे दिन विभागों ने दिया प्रेजेंटेशन

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Published : Nov 24, 2022, 2:27 PM IST

Updated : Nov 24, 2022, 9:31 PM IST

देहरादून:मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी मसूरी (Lal Bahadur Shastri National Academy of Administration) में सशक्त उत्तराखंड@25 चिंतन शिविर में प्रतिभाग किया. इस दौरान सीएम धामी ने कहा कि राज्य में खेती एवं बागवानी को बंदर काफी नुकसान पहुंचा रहे हैं. जिससे अधिकांश लोग खेती एवं बागवानी में कम रुचि ले रहे हैं. इस वजह से ग्रामीण क्षेत्रों से पलायन भी हो रहा है. इस दिशा में विशेष ध्यान देने की जरूरत है. इसके लिए संबंधित विभागों को भी वन विभाग के साथ समन्वय बनाकर कार्य करने होंगे. सीएम धामी ने कहा वन विभाग, कृषि विभाग एवं उद्यान विभाग की ओर से कार्यशाला का आयोजन कर इस समस्या का समाधान निकालना चाहिए.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आगामी 2025 तक उत्तराखंड को हर क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बनाने के लिए पिछले 3 दिनों में जो मंथन हुआ, इसके आने वाले समय में सुखद परिणाम मिलेंगे. राज्य के विकास के लिए अधिकारियों की ओर से जो रोडमैप बनाया जा रहा है, इसको देखकर अच्छा प्रतीत हो रहा है. अधिकारियों ने राज्य हित से जुड़े विषयों पर काफी मेहनत की है. इस चिंतन शिविर में जो भी सुझाव आए हैं. उनको कैबिनेट में भी लाया जाएगा. केंद्र सरकार की योजनाओं/कार्यक्रमों के संबंध में सभी जिलाधिकारी यह सुनिश्चित करें कि इनका तेजी से क्रियान्वयन हो. सीएम धामी ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि जिन समस्याओं का समाधान तहसील या जिला स्तर पर हो सकता है, वो अनावश्यक रूप से शासन, मंत्रियों और मुख्यमंत्री तक न पहुंचे.

चिंतन शिविर को लेकर सीएम धामी का बयान.

चिंतन शिविर में वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि वन पंचायतों के माध्यम से स्थानीय लोगों को वनों से जोड़ना होगा. इसके लिए वनों के माध्यम से उनकी आजीविका को बढ़ाने का प्रयास करना है. कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि आईटीआई में बच्चों को अच्छा प्रशिक्षण मिले, इसके लिए आईटीआई में आवश्यक संसाधनों एवं मैनपावर को बढ़ाने की दिशा में विशेष ध्यान देना होगा. भविष्य की आवश्यकताओं के हिसाब से विश्लेषण कर कार्यों को आगे बढ़ाना होगा. कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत ने कहा वन डिस्ट्रिक्ट टू प्रोडक्ट को और अधिक प्रमोट करने की जरूरत है. योग के क्षेत्र में भी राज्य में और तेजी से कार्य हों, योग में राज्य में अनेक संभावनाएं हैं, इस दिशा में प्रयास किए जाएं.
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नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी (NITI Aayog Vice Chairman Suman Berry) ने कहा कि उनका उत्तराखंड से काफी समय से लगाव रहा है. राज्य के समग्र विकास के लिए हो रहे इस चिंतन शिविर (LBSNA Mussoorie Chintan Shivir) से आने वाले समय में राज्य को अच्छे परिणाम मिलेंगे. नीति आयोग की ओर से राज्य को हर संभव सहयोग दिए जाने के प्रयास किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि उत्पादों की वैल्यू एडिशन, मार्केटिंग और ब्रांडिंग की दिशा में विशेष ध्यान देना होगा. अगले 25 साल भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है.

चिंतन शिविर के आखिरी दिन विभागों ने दिया प्रस्तुतीकरण

  1. वन विभाग के प्रमुख वन संरक्षक अनूप मलिक द्वारा दिए गए प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि किस तरह से विभाग दीर्घ एवं लघु योजनाओं पर काम कर रहा है. प्रकृति आधारित पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पांच नए डेस्टिनेशन अगले पांच सालों में चयनित एवं विकसित किए जाएंगे. इसी तरह अंतरराष्ट्रीय मार्केटिंग लिंकेज बनाकर 10 नए डेस्टिनेशन अगले दस वर्ष में विकसित किए जाएंगे. मानव-वन्य जीव संघर्ष को रोकने हेतु स्टेट एक्शन प्लान बनाया जाएगा. साथ ही संवेदनशील इलाकों में रैपिड रिस्पांस टीमों का गठन किया जाएगा. स्टेक होल्डर्स यानि स्थानीय निवासियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है. पर्वतीय क्षेत्रों में बंदरों के आतंक को कम करने के लिए बताया गया कि बंदरों को पकड़कर इनकी नसबंदी की जा रही है. वहीं, हाथी एवं बाघ के पारंपरिक गलियारों को रिस्टोर करने के प्रयास किये जा रहे हैं.
  2. आयुष विभाग के सचिव पंकज कुमार पांडेय ने भी विभाग का रोडमैप सबके सामने रखा. उन्होंने कहा आयुष को दोबारा स्थापित करना है. उत्तराखंड को आयुष और योग का हब बनाने के लिए कार्य किया जा रहा है. इस क्षेत्र में प्राइवेट इन्वेस्टमेंट को प्रमोट किया जा रहा है. आयुष ढांचे को अपग्रेड करने के प्रयास किये जा रहे हैं. अभी 300 वेलनेस सेंटर राज्य में संचालित हो रहे हैं. योग एवं नेचुरोपैथी का सेल बनाया जा रहा है. उन्होंने दवाओं के प्रमाणीकरण करने की जानकारी भी दी. इसके लिए राष्ट्रीय स्तर का सिस्टम बनाने की बात कही. जड़ी-बूटियों के प्रोडक्शन को बढ़ाने पर बल दिया. उन्होंने विभाग में प्रशिक्षित डॉक्टर एवं पैरामेडिकल स्टाफ की कमी को इंगित किया. राज्य में आदर्श आयुष ग्राम विकसित करने के प्रयास किये जा रहे हैं.
  3. उद्योग विभाग से पंकज कुमार पाण्डेय ने प्रस्तुतीकरण दिया. उन्होंने बताया किहरिद्वार एवं पंतनगर सिडकुल में अच्छा काम हो रहा है. इकोनॉमिक डेवलपमेंट के लिए स्वरोजगार पर जोर दिया गया है. उन्होंने बताया कि जीआई टैगिंग के बाद हमारी मार्केटिंग ऊपर आ जाती है. इसे बढ़ाने के प्रयास किये जा रहे हैं. मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में अच्छा कार्य हो रहा है. टूरिज्म एवं सर्विस सेक्टर पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. वन डिस्ट्रिक्ट टू प्रोडक्ट पर कार्य किए जा रहे हैं. उद्योग जगत के लोगों को राज्य में अधिकतम इन्वेस्ट के लिए प्रेरित किया जा रहा है. प्रोडक्ट की जीआई टैगिंग पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है. इन्वेस्टमेंट के लिए लैंड बैंक पर भी कार्य किए जा रहे हैं.
  4. कौशल विकास सचिव विजय कुमार यादव ने बताया कि उद्योगों की डिमांड के हिसाब से कौशल विकास विभाग द्वारा लोगों को विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है. लॉन्ग टर्म एंड शॉर्ट टर्म स्किल डेवलपमेंट की व्यवस्थाएं की गई हैं. फैकल्टी को भी अप स्किलिंग करने की व्यवस्था की जा रही है. अपडेटेट ट्रेनिंग मटेरियल एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर के साथ लोगों को प्रशिक्षण मिले इस दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं. आईटीआई में स्पेशल ट्रेनिंग प्रोग्राम भी आयोजित किए जा रहे हैं. ये प्रशिक्षण देश के अच्छे संस्थानों से सहयोग लेकर किए जा रहे हैं. आईटीआई सहसपुर में स्किल हब भी बनाया गया है. उन्होंने कहा प्रशिक्षण देने वाले विभागों में आपसी समन्वय का होना भी जरूरी है.
  5. कौशल विकास विभाग के प्रस्तुतीकरण के दौरान नैनीताल के जिलाधिकारी धीराज गर्ब्याल ने पहाड़ी भवन निर्माण शैली को संरक्षित करने और रोजगार देने के उद्देश्य से हुनरशाला पहाड़ों में खोलने का सुझाव दिया. उनके द्वारा बताया गया कि वर्तमान में कौशल विकास का पूरा ध्यान उद्योग की जरूरत पर आधारित है, जबकि हम अपने पारंपरिक हुनर को खो रहे हैं. जिनको संरक्षित कर इसे पर्वतीय इलाकों में रोजगार सृजन का बड़ा माध्यम बनाया जा सकता है. सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर राजेश कुमार द्वारा कौशल विकास विभाग को नोडल विभाग बनाने का सुझाव दिया गया.
Last Updated : Nov 24, 2022, 9:31 PM IST

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