देहरादून:वैश्विक महामारी कोरोना के बढ़ते संक्रमण से देवभूमि भी अछूती नहीं है. प्रदेश में लगातार कोरोना संक्रमितों के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. इसी बीच राज्य के स्वास्थ्य विभाग के सामने एक दूसरी चुनौती भी मुंह बाहे खड़ी है. प्रदेश में जैसे-जैसे मॉनसून में बारिश शुरू होगी, उसके साथ ही डेंगू के लिए जिम्मेदार एडीज मच्छरों का प्रजनन भी बढ़ना शुरू हो जाएगा. ऐसे में इस दोहरी चुनौती से निपटने के लिए सरकार कितनी तैयार है, देखिए खास रिपोर्ट...
बता दें कि साल 2019 में डेंगू ने प्रदेश में काफी कहर बरपाया था. ऐसे में कोरोना संकट के बीच अगर डेंगू भी साथ-साथ फैलता है, तो सरकार और स्वास्थ्य विभाग के लिए ये किसी चुनौती से कम नहीं होगा. राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण निदेशालय (एनवीबीडीसीपी) द्वारा प्राप्त आंकड़ों पर नजर डालें तो बीते पांच सालों में डेंगू ने राज्य में काफी कहर बरपाया है. साल 2019 में सर्वाधिक डेंगू के मामले सामने आए थे. जिसमें नौ लोगों की मौत हो गई थी.
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एक ओर बात पर गौर करें तो-
साल 2019 में डेंगू के मामलों में उत्तराखंड शीर्ष छह राज्यों में शामिल था.
प्रदेश में बीते साल 10,622 मामले सामने आए थे.
साल 2015 से 2018 तक प्रदेश में कुल 5,339 मामले सामने आए थे.
बीते चार सालों में डेंगू मरीजों की कुल संख्या साल 2019 में दोगुनी हो गई.
पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश जो जनसंख्या के मामले में भी हमसे कई ज्यादा है, वहां भी बीते साल डेंगू के मामले उत्तराखंड के काफी कम थे.
शीर्ष छह राज्यों में उत्तराखंड ही सबसे छोटा राज्य था.
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वहीं, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री भारत सरकार ने नवंबर 2019 में लोकसभा में उठाए एक सवाल का जवाब देते हुए कहा था कि एनवीबीडीसीपी ने 2019-20 वेक्टर जनित रोगों की रोकथाम और नियंत्रण के लिए राज्यों को वित्तीय सहायता प्रदान की गई. 2019 के दौरान उत्तराखंड को आवंटित वित्तीय सहायता 50 लाख रुपए नकद और 48.20 लाख रुपए अनुदान के रुपए में मिली थी जो कुल 98.28 लाख रुपए थी. बावजूद इसके राज्य सरकार डेंगू पर नियंत्रण पाने में नाकाम साबित हुई.
क्या होता है डेंगू
डेंगू एक वायरल बीमारी है, जो एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से फैलती है. मच्छर के द्वारा काटे जाने के 5-6 दिनों के बाद व्यक्ति में ये रोग विकसित होता है.
डेंगू दो रूप से प्रभावित करता है. पहला डेंगू बुखार और दूसरा डेंगू रक्तस्रावी बुखार (डीएचएफ). डेंगू बुखार एक गंभीर और फ्लू जैसी बीमारी है. जबकि, डेंगू रक्तस्रावी बुखार (डीएचएफ) इसका अधिक गंभीर रूप है, जो किसी की मृत्यु का कारण भी बन सकता है. डेंगू बुखार या डीएचएफ का संदेह होने पर एक बार डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए.
विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, डेंगू मच्छर के काटने से जनित बीमारी है. डेंगू पैदा करने के लिए जिम्मेदार वायरस को डेंगू वायरस (DENV) कहा जाता है. DENV फॉर एक सेरोटाइप हैं, जिसका अर्थ है कि मच्छर के काटने पर चार बार संक्रमित होना संभव है. DENV एक तीव्र फ्लू जैसी बीमारी का कारण बन सकता है. कभी-कभी ये काफी घातक रूप भी ले लेता है, जिससे पीड़ित की मौत भी हो सकती है.