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देहरादून में सिटी बस संचालकों का प्रदर्शन, इस रूट पर संचालित बसों पर उतारा गुस्सा - देहरादून में बस संचालकों का प्रदर्शन

देहरादून महानगर सिटी बस महासंघ ने परिवहन विभाग के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया. बस संचालकों ने आरोप लगाया कि देहरादून-डाकपत्थर-कालसी-कुल्हाल मार्ग की बसें बिना परमिट चल रही है. इसलिए बिना परमिट के बसों के संचालन पर रोक लगाई जाए.

Dehradun City Bus
देहरादून महानगर सिटी बस महासंघ

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Published : Nov 11, 2022, 9:09 PM IST

Updated : Nov 11, 2022, 9:56 PM IST

देहरादूनःमहानगर सिटी बस महासंघ से जुड़े बस संचालकों ने प्रभात सिनेमा के पास जोरदार प्रदर्शन (city bus operators protest) किया. इस दौरान उन्होंने परिवहन विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. बस संचालकों का कहना था कि देहरादून-डाकपत्थर-कालसी-कुल्हाल मार्ग की बसें बिना परमिट चल रही है. जो रोड टैक्स चोरी के साथ ही उनकी सवार को भी ढो रहे हैं. लिहाजा, बिना परमिट के बसों के संचालन पर रोक लगाई जाए.

महानगर सिटी बस महासंघ के अध्यक्ष विजय वर्धन डंडरियाल ने कहा देहरादून से विकासनगर-कालसी-कुल्हाल रूट पर करीब 110 बसों का संचालन हो रहा है. जबकि, इस रूट पर 67 बसों की सेवाएं दिखाई गई है. ऐसे में हर साल 55 लाख रुपए से ज्यादा की रोड टैक्स चोरी हो रही है. मामले में शासन की ओर जिलाधिकारी और आरटीओ को जांच सौंपी गई है, लेकिन यह जांच ठंडे बस्ते में डाल दी गई है. उन्होंने कहा कि इस रूट पर बसों का बिना परमिट से अवैध संचालन किया जा रहा है. अगर उनकी मांगों पर कार्रवाई नहीं हुई तो वो सभी सिटी बस संचालक उग्र आंदोलन करेंगे.

देहरादून में सिटी बस संचालकों का प्रदर्शन.
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सिटी बस यूनियन के अध्यक्ष डंडरियाल ने कहा हाईकोर्ट की ओर से जो आदेश पारित किए गए थे, वो आदेश 21 अक्टूबर 2022 को निरस्त कर दिए गए हैं. जिसके बाद दोबारा मार्ग पर सिटी बसें संचालित है. ऐसी स्थिति में एसटीए की ओर से मार्ग की बसों के संचालन की अनुमति परेड ग्राउंड से घंटाघर, बिंदाल पुल, यमुना कॉलोनी, बल्लूपुर से अनुमति देना परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार का घोतक है.

जिलाधिकारी और ट्रैफिक पुलिस की ओर से उत्तराखंड परिवहन निगम व निजी बस संचालकों का संचालन एक ही स्थान आईएसबीटी से कराया गया था. मोटर यान अधिनियम 1988 की नियमावली में बिना किसी प्रावधान के देहरादून-डाकपत्थर रूट के साथ कालसी और कुल्हाल मार्ग का विलय कर दिया गया. जबकि, ऐसा कोई अधिकार एसटीए को नहीं मिला है कि वो अंतरराज्यीय मार्ग और राज्य मार्गों का विलय कर सके. वर्धन डंडरियाल ने कहा कि इस रूट पर चलने वाली बिना परमिट की बसें एसटीए और आरटीए नियम के खिलाफ कार्य कर रही है. विभाग भी सिटी बस संचालकों के साथ अन्याय कर रहा है.

Last Updated : Nov 11, 2022, 9:56 PM IST

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