विकासनगर: 'वोकल फॉर लोकल' मंत्र को अपनाते हुये जौनसार बावर निवासी गोपाल ने स्थानीय उत्पादकों से तैयार अचार, बुरांश का जूस, सिलबट्टे से तैयार नमक और अन्य जैविक उत्पादों को अपने रोजगार का जरिया बनाया है. साथ ही 20 अन्य परिवारों को भी रोजगार मुहैया करवाया है. इन पहाड़ी प्रोडक्ट्स की बाजार में भी अच्छी खासी डिमांड बढ़ रही है.
जौनसार बावर के कालसी ब्लॉक में पड़ने वाले उदपाल्टा गांव निवासी गोपाल ने बचपन काफी गरीबी में व्यतीत किया. बड़े हुए तो इलेक्ट्रॉनिक से आईटीआई करने के बाद गांव-गांव जाकर लोगों के टीवी-डिश एंटीना लगाया करते थे. ग्रामीण क्षेत्र होने के कारण उन्हें काफी दूर-दूर तक सफर करना पड़ता था.
उनके पिता की कृषि भूमि चकराता रोड के तुनधार के पास है. वहां स्थानीय उत्पादन कर सड़क किनारे बेचा करते थे साथ ही गोपाल अपने पिता के साथ ही एक टी स्टॉल खोलकर अपने परिवार का भरण पोषण में लगे रहते थे.
इसी बीच, कुछ कर गुजरने की इच्छा जागृत होने पर गोपाल ने उद्यान विभाग, जैविक व हैस्को से तकनीकी प्रशिक्षण प्राप्त कर परिवार के सहयोग से शहद उत्पादन, बुरांश का जूस, जैविक उत्पादों से तैयार स्थानीय दालें, अचार आदि का बिजनेस शुरू किया. धीरे-धीरे उनके स्थानीय उत्पादों की डिमांड बढ़ने से गोपाल की आर्थिक स्थिति में सुधार आया. अब गोपाल अपने साथ-साथ 20 अन्य परिवारों को भी रोजगार उपलब्ध करवा रहे हैं.