मसूरी:पहाड़ों की रानी मसूरी में 19 दिसंबर को बस हादसे का शिकार हुई नेहा को न्याय दिलाने को लेकर लोगों ने मसूरी के शहीद स्थल पर धरना दिया. इस मौके पर सभी ने स्वास्थ्य और परिवहन विभाग पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगाए. दरअसल घायल नेहा को जब एंबुलेंस से देहरादून इलाज के लिए ले जाया जा रहा था, तब एंबुलेंस का हूटर नहीं बजा. इस कारण उसके इलाज में देरी हुई थी.
स्वास्थ्य और परिवहन विभाग पर लापरवाही का आरोप: मसूरी ट्रेडर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष रजत अग्रवाल, कांग्रेस शहर अध्यक्ष गौरव अग्रवाल और टीम संघर्ष के सदस्य नितिन दत्त ने कहा कि प्रदेश की स्वास्थ्य और परिवहन विभाग की लापरवाही के कारण नेहा की जान गई है. उन्होंने कहा कि बस चालक इतनी तेजी में बस चलाते हैं कि यात्रियों को उतरने के लिए भी समय नहीं देते हैं. इस कारण नेहा बस से उतरते ही पिछले टायर के नीचे आ गई.
नहीं बजा था एंबुलेंस का हूटर: उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की मसूरी 108 एंबुलेंस की हालत बद से बदतर हैं. नेहा को अस्पताल ले जाते समय अगर एम्बुलेंस का हूटर बजता तो शायद नेहा आज हमारे बीच में होती. उन्होंने स्वास्थ्य और परिवहन विभाग से नेहा के परिजनों को मुआवजा देने की और छोटी बहन को नौकरी देने की मांग की है. उन्होंने कहा कि अगर उनकी मांग पूरी नहीं होती तो जल्द उग्र आंदोलन किया जायेगा.
परिवहन मंत्री से की वार्ता: मसूरी के सामाजिक कार्यकर्ता मनोज रेगवाल ने कहा कि उनके द्वारा कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी और परिवहन मंत्री से वार्ता की गई है. उनसे नेहा के परिवारों को मुआवजा समेत अन्य मांगें की गई हैं. जिसको लेकर जल्द एक प्रतिनिधिमंडल उनके नेतृत्व में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी और परिवहन मंत्री से मुलाकात करेगा. उनको पूरा भरोसा है कि नेहा के परिजनों को मुआवजे के साथ ही अन्य मांगों को पूरा किया जायेगा.
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ये थी नेहा से जुड़ी घटना: बता दें कि 19 दिसंबर को नेहा मसूरी पेट्रोल पंप के पास जैसे ही रोडवेज बस से उतरी, उसी बस के पिछले टायर के नीचे आ गई. जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गई. लोगों द्वारा नेहा को जिला चिकित्सालय ले जाया गया, जहां से उसकी गंभीर हालत को देखते हुए 108 एंबुलेंस के माध्यम से देहरादून रेफर किया गया. 108 एंबुलेंस से नेहा को देहरादून अस्पताल ले जाते हुए एंबुलेंस में हूटर खराब होने के कारण नहीं बजा. जिस कारण नेहा को समय से अस्पताल नहीं पहुंचाया जा सका. इस कारण उसकी अस्पताल पहुंचते ही मौत हो गई थी.