दारोगा भर्ती घोटाले में आला अधिकारियों पर भी कार्रवाई की मांग विकासनगर: दारोगा भर्ती प्रकरण को लेकर आरोपियों पर सख्त एक्शन की मांग चल रही है. वहीं जन संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने दारोगा भर्ती प्रकरण में पुलिस के आला अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की है. जबकि इस मामले में अब तक विजिलेंस ने 20 संदिग्ध दारोगाओं को निलंबित कर दिया है.
दारोगा भर्ती में पाई गई अनियमितताएं:जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि शासन द्वारा पुलिस विभाग में साल 2014 जनवरी-फरवरी में 339 पदों पर उप निरीक्षक की सीधी भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की अनुमति प्रदान की गई थी. जिसमें 257 पद उपनिरीक्षक नागरिक पुलिस व 39 उपनिरीक्षक अभिसूचना एवं 43 पद प्लाटून कमांडर पीएससी की विज्ञप्ति जारी की थी.
इस भर्ती में 257 उपनिरीक्षक नागरिक पुलिस के सापेक्ष 272 चयनित किए गए, जो कि 15 पद अधिक हैं. चौंकाने वाली बात यह है कि इन पदों पर ओबीसी आरक्षित 14 फीसदी आरक्षण के सापेक्ष लगभग 24 फीसदी यानी 65 पदों पर ओबीसी अभ्यर्थियों ने सफलता पाई, जबकि अभिसूचना एवं प्लाटून कमांडर पीएसी के अभ्यर्थी सिर्फ प्रावधानित 14 फीसदी आरक्षण तक ही सीमित रहे. इसका संज्ञान भी विजिलेंस एवं सरकार को लेना चाहिए.
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पुलिस के आला अधिकारियों की मिलीभगत के बिना ये संभव नहीं:बीते दिनों विजिलेंस की जांच के आधार पर 20 संदिग्ध दारोगा को निलंबित किया गया है, तथा परीक्षा कराने वाली संस्था उसके मास्टरमाइंड के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है, जो सरकार का सराहनीय कदम है. रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि पुलिस के आला अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई, जो कि आधा अधूरा इंसाफ है. बिना पुलिस के आला अधिकारियों की संलिप्तता के बगैर घोटाले को अंजाम भी नहीं दिया जा सकता. मोर्चा सरकार से मांग करता है कि इस भर्ती घोटाले में शामिल पुलिस के आला अधिकारियों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाए.