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कोविड कर्फ्यू में ढील के बावजूद स्ट्रीट वेंडर्स और फास्टफूड विक्रेता नाखुश, यह है वजह - कोरोना संक्रमण मामलों में गिरावट

कोरोना कर्फ्यू में ढील देने के बावजूद स्ट्रीट वेंडर्स, चाऊमीन, मोमो और जूस विक्रेता नाखुश नजर आ रहे हैं. उन्होंने सरकार से दुकानों को सभी दिन शाम 7 बजे तक खोलने की अनुमति देने की मांग की है.

स्ट्रीट वेंडर्स और फास्टफूड विक्रेता
स्ट्रीट वेंडर्स और फास्टफूड विक्रेता

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Published : Jun 9, 2021, 6:32 PM IST

देहरादून: कोरोना संक्रमण के मामलों में गिरावट (decline in corona infection cases) को देखते हुए राज्य सरकार ने कोविड कर्फ्यू (covid curfew) में राहत देते हुए सभी दुकानों को 1 दिन के अंतराल में शाम 5 बजे तक खोले जाने की अनुमति दी है. इसके बावजूद शहर के फास्ट फूड, जूस विक्रेता संतुष्ट नजर नहीं आ रहे हैं.

ईटीवी भारत ने जब इन व्यापारियों से बात की तो उनकी नाराजगी के पीछे का कारण पता चला. देहरादून में चाऊमीन मोमो की दुकान चलाने वाले विक्रेता बताते हैं कि गर्मियों के मौसम में किसी भी खाद्य सामग्री को 1 दिन से ज्यादा नहीं रखा जा सकता. ऐसे में सरकार ने 1 दिन के अंतराल में दुकानों को खोलने की अनुमति प्रदान की है, जिससे हमें सीधे तौर पर नुकसान होने जा रहा है. यदि सरकार कोविड कर्फ्यू में राहत दे ही रही है तो सरकार को अब यह राहत एक दिन के अंतराल के बजाय हर दिन देनी चाहिए.

ढील के बावजूद स्ट्रीट वेंडर्स और फास्टफूड विक्रेता नाखुश

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वहीं, दूसरी तरफ कुछ ऐसा ही हाल शहर के अन्य छोटे व्यापारियों का भी है, जो छोटी दुकानों, ठेलियों में जूस या अन्य तरह की खाद्य सामग्री या स्नेक्स इत्यादि बेचते हैं. स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि सरकार दुकानों को शाम 5 बजे के बजाय 7 बजे तक खुलने की अनुमति प्रदान करें. क्योंकि गर्मियों के मौसम में सामान्य तौर पर लोग शाम के समय ही घरों से बाहर निकलना पसंद करते हैं. ऐसे में यदि वह शाम 5 बजे तक अपनी दुकानें या ठेलियां लगा भी रहे हैं तो बेहद ही कम संख्या में ही ग्राहक पहुंच रहे हैं.

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