आरटीओ ने बनाया मिनी ट्रैफिक पार्क देहरादून:परिवहन विभाग द्वारा लोगों को ट्रैफिक नियमों के बारे में जानकारी देने और जागरूक करने के लिये आरटीओ कार्यालय में एक मिनी ट्रैफिक पार्क बनाया गया है. इसमें विभिन्न प्रकार के खेलों के माध्यम से आम लोगों को ट्रैफिक के नियम बताए जाएंगे. दरअसल परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस टेस्ट के लिये शहर से दूर झाझरा आईडीटीआर जाना पड़ता है, जिससे राहत देने के लिये यह प्रयोग किया जा रहा है.
सांप सीढ़ी से सिखाएंगे ट्रैफिक के नियम: मिनी ट्रैफिक पार्क में दोपहिया वाहन ट्रैक भी हैं. इसके अलावा सांप सीढ़ी भी बनाई गई हैं. जिसमें बिना हेलमेट वाहन चलाने या ओवरलोडिंग करने पर सांप काटेगा और अंक घट जाएंगे. शीर्ष तक पहुंचने पर यदि गाड़ी चलाते समय शराब का सेवन या मोबाइल का इस्तेमाल किया तो सांप दोबारा काटेगा और अंक बहुत कम हो जाएंगे. आरटीओ इस खेल के लिए स्कूलों से संपर्क करके 40-40 बच्चों का बैच बनाकर विभाग में यातायात से संबंधित खेल खेलते हुए ट्रैफिक रूल्स के लिये जागरूक करने का काम करेगा.
स्पीड के बारे में दी जाएगी जानकारी: वहीं जब हम हाईवे या शहर के बीच में चलते हैं तो सड़क किनारे स्पीड का बोर्ड नहीं लगा होता है. तब हम सोच में पड़ जाते हैं कि गाड़ी किस स्पीड में चलानी है. इस गलतफहमी के कारण कई बार ओवर स्पीड में वाहन चलाने पर सीसीटीवी कैमरे की मदद से चालानी कार्रवाई हो जाती है. लेकिन आरटीओ के परिसर में जो मिनी पार्क बनाया गया है, उसमें शहर के अंदर या फिर हाईवे पर किस स्पीड से गाड़ी चलानी है, उसके बारे में भी जानकारी दी गई है. आरटीओ ने बताया है कि अगर सड़क किनारे स्पीड बोर्ड नहीं लगा होता है तो आपको शहर के अंदर 30 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से गाड़ी चलानी है. वहीं हाईवे पर 80 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से गाड़ी चलानी है.
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ड्राइविंग लाइसेंस के लिये नहीं होगी परेशानी: वर्तमान में ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) के लिए लर्निंग टेस्ट तो आरटीओ में हो जाता है. लेकिन परमानेंट डीएल टेस्ट के लिए शहर से करीब 20 किलोमीटर दूर झाझरा आईडीटीआर जाना पड़ता है. शहर से दूर होने के कारण उन लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है जिनके डीएल का रिनुअल होना होता है. इसके अलावा महिलाओं को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है. साथ ही 16 से 18 साल के बच्चों को भी स्कूल होने के कारण परेशानी उठानी पड़ती है. ऐसे में आरटीओ ने तय किया है कि इन सभी वर्गों को झाझरा जाने से राहत दी जाए. उसके लिए आरटीओ ने इसका प्रस्ताव तैयार कर परिवहन मुख्यालय भेजा है. मुख्यालय से स्वीकृति मिलते ही जल्द ही इनका टेस्ट आरटीओ कार्यालय में शुरू कर दिया जाएगा. अब यह पहल कितनी सफल हो पाती है, यह तो वक्त ही बताएगा.