देहरादून: उत्तराखंड रोडवेज कर्मचारियों द्वारा की जाने वाली 16 मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल स्थगित हो गई है. परिवहन विभाग ने अगले तीन दिनों के अंदर 3500 संविदा कर्मचारियों को 2 महीने का लंबित वेतन देने का आश्वासन दिया है. जिसके बाद कर्मचारियों ने हड़ताल को 23 मई तक के लिए स्थगित कर दिया है. साथ ही रोडवेज के 3400 से अधिक रेगुलर कर्मचारियों का भी 2 महीनों से लंबित वेतन जून तक बहाल करने का आश्वासन दिया है. रोडवेज कर्मचारियों की अन्य मांगों को लेकर आगामी 17 मई को सचिव परिवहन द्वारा बैठक कर अन्य मांगों पर भी विचार विमर्श करने का आश्वासन दिया है.
रोडवेज कर्मचारी यूनियन और परिवहन विभाग के मैनेजमेंट अधिकारियों के बीच बुधवार को पूरे दिन बातचीत चलती रही. जिसके बाद रात 9:30 बजे सरकार के हस्तक्षेप के बाद परिवहन प्रबंधन अधिकारियों ने 3500 संविदा कर्मचारियों के लंबित वेतन को अगले 3 दिनों में देने का लिखित आश्वासन दिया. साथ ही 3400 रेगुलर कर्मचारियों को 2 महीने का भुगतान भी जून तक करने के लिखित आदेश दिए हैं.
मांग नहीं पूरी होने पर होगा आंदोलन
सरकार के हस्तक्षेप के बाद परिवहन विभाग मैनेजमेंट ने लिखित आश्वासन दिया है. फिलहाल कर्मचारियों ने हड़ताल को 23 मई तक स्थगित कर दी है. रोडवेज कर्मचारी यूनियन के महामंत्री अशोक चौधरी ने बताया कि हड़ताल से पहले बुधवार को पूरे दिन कर्मचारी यूनियन की परिवहन मैनेजमेंट के साथ वार्ता चलती रही. जिसके बाद वेतन जारी करने पर बात बनी. वहीं रोडवेज कर्मचारी नेता अशोक चौधरी के मुताबिक, अगर 23 मई तक अन्य मांगों पर परिवहन विभाग कोई प्रभावी फैसला नहीं लेता तो 24 मई से रोडवेज कर्मचारियों का आंदोलन आगे जारी रहेगा.
रोडवेज यात्रियों को बड़ी राहत, आज से होने वाली हड़ताल स्थगित
उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारियों ने 16 मई को होने वाली अनिश्चितकालीन हड़ताल को स्थगित कर दिया है. साथ ही रोडवेज विभाग द्वारा 2 महीने से लंबित संविदा कर्मियों के वेतन पर लिखित आश्वासन दे दिया गया है.
रोडवेज कर्मियों ने 23 मई तक स्थगित की हड़ताल.
उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन की मांग इस प्रकार हैं.
- 500 से अधिक संविदा चालक परिचालक और तकनीकी कर्मचारियों को नियमित किया जाए.
- 2 माह से लंबित संविदा कर्मचारियों का वेतन बहाल किया जाए.
- एसीपी का लाभ कर्मचारियों को एरियर के साथ दिया जाए और गलत एसीपी देने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग.
- परिवहन निगम का बस बेड़ा 1600 बसों का किया जाए.
- दुर्घटना, डीजल और कम आय की रिकवरी चालको से बंद की जाए.
- भ्रष्टाचार रोकने को ईटिंग मशीनें प्रदेशभर में उपलब्ध कराई जाएं.
- कार्यशाला को ट्रांसपोर्ट नगर में शिफ्ट किया जाए.
- निगम में हुई वित्तीय अनियमितताओं के आरोपियों पर कार्रवाई की जाए.
- यूपी से करार के मुताबिक बसों का संचालन किया जाए.