देहरादून: देश के अन्य व्यवसायिक प्रतिष्ठानों की तर्ज पर भारतीय रेलवे को भी इस साल भारी आर्थिक नुकसान के दौर से गुजरना पड़ा है. देहरादून रेलवे स्टेशन को इस साल 85 से 90% तक का आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा है. दून रेलवे प्रशासन नुकसान से उबरने के प्रयासों में जुटा हुआ है. देहरादून रेलवे स्टेशन को इस साल हुए भारी आर्थिक नुकसान की एक बहुत बड़ी वजह कोरोना संकट काल में लगा लॉकडाउन तो है ही इसके अलावा इसी साल की शुरुआत में पूरे जनवरी माह देहरादून रेलवे स्टेशन रीमॉडलिंग के कार्य के चलते बंद रहा था. ऐसे में 8 फरवरी को रेलवे स्टेशन यात्रियों के लिए दोबारा खोल तो जरूर दिया गया था, लेकिन 22 मार्च को कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे के बीच जनता कर्फ्यू के बाद से ही अगले 2 महीनों के लिए रेलवे स्टेशन दोबारा पूरी तरह बंद हो गया.
ईटीवी भारत से बात करते हुए देहरादून रेलवे स्टेशन के बुकिंग सुपरवाइजर सतीश चमोला बताते हैं कि सामान्य तौर पर देहरादून रेलवे स्टेशन प्रतिदिन लगभग 11 लाख रुपये तक की कमाई करता है. इस तरह एक माह में रेलवे स्टेशन की लगभग 3.5 करोड़ रुपये की कमाई हो जाती है. लेकिन इस बार कोरोना संकटकाल में जारी लॉकडाउन के चलते जहां एक तरफ दो से तीन महीनों तक रेलवे स्टेशन से ट्रेनों का संचालन पूरी तरह से बंद रहा, तो वहीं दूसरी तरफ अब जब ट्रेनों का संचालन शुरू भी हुआ है तो यह काफी सीमित संख्या में है. जिसकी वजह से अब प्रति माह देहरादून रेलवे स्टेशन 40 से 50 लाख रुपये ही कमा पा रहा है, जो सामान्य दिनों में प्रति माह होने वाली कमाई से बेहद ही कम है.
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बता दें कि इस साल नवंबर माह तक देहरादून रेलवे स्टेशन महज 7 करोड़ 54 लाख रुपये की ही कमाई कर पाया है, जबकि वित्तीय वर्ष 2019- 20 में देहरादून रेलवे स्टेशन ने लगभग 40 करोड़ रुपये तक की कमाई की थी.