देहरादून: कोरोना काल में जहां लोग जीवन और मौत के बीच झूल रहे हैं वहीं, यह महामारी कई लोगों के लिए कालाबाजारी और मुनाफाखोरी का जरिया बन चुकी है. इस संक्रमण काल में ऑक्सीजन, दवा और एंबुलेंस सहित अस्पतालों में बेड को लेकर कालाबाजारी किसी सी छुपी नहीं है. वहीं, देश के साथ-साथ देहरादून का भी हाल कमोवेश यही है. कोरोना काल में डॉक्टरों, स्वास्थ्य कर्मियों और संक्रमितों के लिए रक्षा कवच माना जाने वाला पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (पीपीई किट) भी मुनाफखोरी का जरिया बना हुआ है. राजधानी के निजी अस्पतालों में पीपीई किट के नाम पर कई गुना दाम वसूलने का खेल चल रहा है. देखिए ईटीवी भारत की रिपोर्ट....
पीपीई किट के नाम पर लूट
उत्तराखंड में पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (पीपीई किट) निजी अस्पतालों के लिए मुनाफे का जरिया बनी हुई हैं. राज्य में पीपीई किट को लेकर फिलहाल कोई कमी नहीं है, बावजूद इसके निजी अस्पताल मरीजों से इसके लिए कई गुना दाम वसूल रहे हैं. आपको जानकर बड़ी हैरानी होगी कि इसकी पूरी जानकारी स्वास्थ्य विभाग और सरकार को भी है, लेकिन कोरोना महामारी के वक्त सरकार का निजी अस्पतालों से डर, ऐसे मामलों में कार्रवाई करने से उन्हें रोक रहा है. पीपीई किट को लेकर ईटीवी भारत ने स्थितियों का जायजा लिया, जिसमें पीपीई किट को लेकर प्राइवेट अस्पतालों का लूटतंत्र का देखने को मिला.
पीपीई किट का तीन गुना दाम वसूला जा रहा
कोरोना महामारी की पहली लहर में में पीपीई किट की डिमांड बढ़ने से इसकी कालाबाजारी बढ़ी थी. इसको देखते हुए राज्य सरकार ने निजी अस्पतालों में 1200 रुपए इलाज के साथ पीपीई किट का दाम तय किया. हालांकि पहली लहर के बाद कोरोना के मामले धीरे-धीरे बेहद कम हो गए. इस बीच स्थानीय स्तर पर ही पीपीई किट का प्रोडक्शन भी होने लगा. इससे पीपीई किट के दाम काफी कम हो गए. पीपीई किट के दाम ₹700 तक पहुंच गये. लेकिन प्रोडक्शन को लेकर कोई कमी नहीं होने के बावजूद भी निजी अस्पतालों ने इस पर लूट जारी रखी. आपको हैरानी होगी कि आज भी जब पीपीई किट बाजार में आसानी से ₹250 में मिल रही है. वहीं, निजी अस्पताल अभी भी हर किट पर ₹850 तक वसूल रहे हैं. एक ओर महामारी काल में लोग पहले ही बीमारी से जूझ रहे हैं और आर्थिक रूप से परेशान हैं, लेकिन लोगों की मजबूरी का फायदा निजी अस्पताल उठाने में लगे हैं, जो वाकई शर्मिंदा करने वाली बात है.
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अमित से सुनिए अस्पताल की मनमानी
तीमारदार अमित जिनके पिता घर में कमाने वाले एकमात्र सदस्य हैं, कोविड संक्रमित होने की वजह से अमित ने पिता को देहरादून के कैलाश अस्पताल में भर्ती कराया है. अमित बताते हैं कि अस्पताल वाले पीपीई किट के 850 रुपये वसूल रहे हैं, लेकिन बाजार में 250 रुपये की है, इसलिए वे बाजार से ये किट लाए हैं. जबकि राज्य सरकार ने कोरोना इलाज के लिए रेट तय किए हुए हैं. खास बात यह है कि इस तय रेट में पीपीई किट का दाम भी जोड़ा गया है. इसके बावजूद अस्पताल मरीज से अलग से पीपीई किट के पैसे क्यों ले रहा है, यह मरीजों के तीमारदारों को भी समझ नहीं आ रहा है ?