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देशभर में फैला उत्तराखंड की नकली दवाइयों का काला कारोबार‍, दून पुलिस ने किया बड़ा खुलासा

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Oct 18, 2023, 7:22 PM IST

fake medicines supplied from Haridwar Uttarakhand देहरादून पुलिस ने तीन दिन पहले नकली दवाइयों के काले कारोबार का खुलासा करते हुए Fake Medicines बनाने वाली अवैध फैक्ट्री का भी भंडाफोड़ किया था. इस मामले में पुलिस ने दो लोगों को भी गिरफ्तार किया था, जिनसे पूछताछ में पुलिस को बड़ी जानकारी मिली है.

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देहरादून: उत्तराखंड में किस तरह के नकली दवाइयों की सप्लाई का जाल बिछा हुआ है, इसका पर्दाफाश तीन दिन पहले 15 अक्टूबर को ही देहरादून पुलिस ने किया था. देहरादून की रायपुर थाना पुलिस ने इस मामले में मुख्य आरोपी समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया था. वहीं, आज पुलिस ने इस मामले में एक और बड़ा खुलासा किया है. पुलिस की जांच में सामने आया है कि मुख्य आरोपी देश के अलग-अलग राज्यों जैसे- दिल्ली, बिहार, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश समेत करीब 44 स्थानों पर नकली दवाओं की सप्लाई करता था.

दिल्ली में 90 लाख रुपए की नकली दवाई सप्लाई की: इस मामले में ज्यादा जानकारी देते हुए देहरादून एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि आरोपियों ने बीते दो सालों में करीब सात करोड़ रुपए की नकली दवाइयों की सप्लाई की है. बीते सितंबर महीने में ही आरोपियों ने दिल्ली में 90 लाख रुपए की नकली दवाई सप्लाई की थी.

आरोपियों के कब्जे से बरामद की गई नकली दवाइयां.
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नकली दवाइया जब्त करने की कार्रवाई शुरू:देहरादून एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि आरोपी ने जिन प्रदेशों या शहरों में नकली दवाइयों की सप्लाई की है, उनको जब्त करने का कार्रवाई की जा रही है. इसके लिए पुलिस की स्पेशल टीमों का गठन करके उन प्रदेश में भेजा गया है. इसके साथ ही ड्रग कंट्रोलर देहरादून को भी कहा गया है कि वो उन सप्लायरों की सूची उन्हें उपलब्ध कराए, जिनको आरोपी ने नकली दवाई सप्लाई की थी.

आरोपियों की बैंक खाते फ्रीज किए: देहरादून एसएसपी अजय सिंह के मुताबिक आरोपियों के बैंक खाते से करीब 23 लाख रुपए का ट्रांजेक्शन भी हुआ था. उन खातों को भी फ्रीज कर दिया गया है. साथ ही वाणिज्य कर विभाग संपर्क कर आरोपियों की बैंक खातों की पूरी जानकारी ली जा रही है.

क्या है पूरा मामला: दरअसल, बीते 14 अक्टूबर को विक्रम रावत निवासी गुरुग्राम हरियाणा ने देहरादून पुलिस को एक शिकायत दी थी, जिसमें उसने कहा था कि वो JAGSONPAL PHARMACEUTICALS Limited में डिप्टी मैनेजर पद पर है. विक्रम रावत का आरोप है कि सचिन शर्मा प्रोपराइटर एसएस मेडिकोज अमन विहार देहरादून अपने कुछ अज्ञात साथियों के साथ मिलकर उनकी कंपनी JAGSONPAL PHARMACEUTICALS Limited के नाम जालसाजी, फर्जी और धोखाधड़ी कर नकली व मिलावटी दवाइया बेच रहा है.
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पुलिस ने विक्रम रावत की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया और पुलिस टीम का गठन कर सचिन शर्मा के बारे में जानकारी एकत्र की गई. सचिन शर्मा के बारे में पुलिस को जानकारी मिली कि उसका अमन विहार में मेडिकल स्टोर है. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए सचिन शर्मा और उसके पार्टनर विकास कुमार को पॉलिटेक्निक रोड धर्मकांटा रायपुर से गिरफ्तार किया.

पुलिस ने आरोपियों की रेंज रोवर कार को भी जब्त किया. आरोपियों की कार से पुलिस को बड़ी मात्रा में नकली दवाइया बरामद हुई. जब पुलिस ने आरोपियों से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि मकदूमपुर गांव हरिद्वार में उनकी एक फर्जी फैक्ट्री है. साथ ही रूडकी के एक फ्लैट में नकली दवाइयां और उससे संबंधित सामग्री रखी हुई है, जिसे वह असली दवाइया बताकर अलग-अलग राज्यों में सप्लाई करते हैं.
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आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने मकदुमपुर गांव के पास लकनौंता चौराहा झबरेडा हरिद्वार में फैक्ट्री और आरोपी सचिन शर्मा के गोदावरी रूडकी हरिद्वार के फ्लैट से करोड़ों रुपए की नकली दवाइयां और उन्हें बनाने के उपकरण बरामद किए. पुलिस नकली दवाइयों की अवैध फैक्ट्री को भी सील कर दिया था.

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