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कोर्ट के आदेश पर UPCL निदेशक के खिलाफ मुकदमा दर्ज, करंट से हुई थी व्यक्ति की मौत

सीजेएम कोर्ट के आदेश पर उत्तराखंड पावर कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक के खिलाफ शहर कोतवाली में IPC की धारा 304 A के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. मामला 2020 का है. पुलिस कर्मियों पर भी साल भर से मामला दबाने का आरोप है.

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देहरादून

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Published : Sep 28, 2021, 5:44 PM IST

देहरादूनःकोतवाली पुलिस द्वारा एक मृतक पक्ष की एक साल से सुनवाई न होने के चलते अब सीजेएम कोर्ट के आदेश पर उत्तराखंड पावर कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक के खिलाफ शहर कोतवाली में IPC की धारा 304 A के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता ललित कुमार का कहना है कि कोर्ट ने प्रारंभिक सुबूत और सुनवाई प्रक्रिया को सही मानते हुए पावर कारपोरेशन आरोपित पक्ष पर गैर इरादतन हत्या के तहत धारा 304 में मुकदमा दर्ज करने के आदेश पुलिस को दो दिन पहले दिए थे. लेकिन इस मामले पर भी कोर्ट के आदेश की नाफरमानी करते हुए कोतवाली पुलिस ने आरोपी पक्ष के खिलाफ उपेक्षा द्वारा किसी मृत्यु कारित करने जैसे आरोप के तहत धारा 304 A के तहत मुकदमा दर्ज किया है.

पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता ललित कुमार ने बताया कि यह मामला पावर कारपोरेशन की घोर लापरवाही के चलते किसी को शारीरिक क्षति पहुंचाने के कारण उसकी मौत से जुड़ा है, जो आईपीसी की धारा 304 गैर इरादतन हत्या के तहत आता है. जिसमें 7 से 10 साल की सजा और गैर जमानती वारंट का प्रावधान है. जबकि धारा 304 A के तहत मात्र 2 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है.

UPCL निदेशक के खिलाफ मुकदमा दर्ज

मृतक पक्ष के अधिवक्ता ललित कुमार के मुताबिक पुलिस ने इस मामले में न सिर्फ एक सड़क पर रहने वाले गरीब परिवार के मुखिया की मौत पर किसी तरह की सुनवाई नहीं की बल्कि, अब गैर इरादतन हत्या के बदले मात्र उपेक्षा द्वारा किसी की मृत्यु कार्य करने जैसी धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है, जो गरीब और अमीर व्यक्ति में कानूनी कार्रवाई के अंतर को दर्शाता है.

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एक साल से पीड़ित परिवार पुलिस से लगाता रहा गुहारः जानकारी के मुताबिक उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन निदेशक के खिलाफ जुड़ा यह मामला 15 जुलाई 2020 का है. पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता ललित कुमार के मुताबिक 15 जुलाई को हरिद्वार के सराय मोहल्ला निवासी बालम माकन नाम का व्यक्ति देहरादून के परेड ग्राउंड किनारे सड़क से गुजर रहा था. तभी सड़क पर बिजली का हाईटेंशन तार गिरा होने की वजह से बालम माकन उसके संपर्क में आए और उनकी बेहद दर्दनाक मौत मौके पर ही हो गई. बालम का परिवार उस समय परेड ग्राउंड के पास गरीबी की हालत में गुजर बसर करता था.

वहीं, सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे परिवार और आसपास मौजूद लोगों की मदद से पुलिस को सूचना दी. मौके पर पहुंची पुलिस ने किसी तरह की कार्रवाई न करते हुए मृतक की मौत को बिजली के तार से करंट लगने की वजह से दरकिनार करते हुए मात्र सड़क किनारे गिरे तार के करंट में चपेट में आने से मौत कहकर मामले को रफा-दफा करने का प्रयास किया.

पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता ललित कुमार के मुताबिक इस मामले में जब किसी तरह पुलिस ने पोस्टमॉर्टम कराया तो रिपोर्ट में बिजली के करंट लगने से मौत का कारण स्पष्ट तौर पर सामने आया. पीएम रिपोर्ट के आधार पर भी कोतवाली पुलिस ने पीड़ित पक्ष की न तो शिकायत दर्ज की और न ही जांच पड़ताल कर मुकदमा दर्ज करने की जहमत उठाई. ऐसे में पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता ललित कुमार के मुताबिक सीजेएम कोर्ट में पीएम रिपोर्ट और प्रथम रूप में पाए गए सबूत को रखा गया. सुनवाई के उपरांत CJM लक्ष्मण रावत द्वारा पुलिस को पावर कारपोरेशन के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए गए.

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जांच के बाद संबंधित पुलिसकर्मी पर होगी कार्रवाईःपावर कॉर्पोरेशन की लापरवाही के चलते हाईटेंशन बिजली के तार से एक गरीब परिवार के मुखिया की मौत प्रकरण पर देहरादून कोतवाली पुलिस द्वारा कार्रवाई न होने के संबंध में एसएसपी जन्मेजय खंडूरी ने सफाई पेश करते हुए कहा यह मामला उनके कार्यकाल से पहले का है. मामले में किसकी गलती है ये जांच का विषय है. सुबूतों के आधार पर इस बात की पुष्टि होगी.

फिलहाल इस मामले में आरोपी पक्ष के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है. आगे विवेचना के आधार पर ही इसमें धाराएं और मौत के कारण की जानकारी स्पष्ट होगी. एसएसपी के मुताबिक अगर इस मामले पर पुलिस की तरफ से पीड़ित पक्ष की सुनवाई या उसको अनदेखा किया गया है तो इस पर भी जांच उपरांत कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी.

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