देहरादूनःकोतवाली पुलिस द्वारा एक मृतक पक्ष की एक साल से सुनवाई न होने के चलते अब सीजेएम कोर्ट के आदेश पर उत्तराखंड पावर कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक के खिलाफ शहर कोतवाली में IPC की धारा 304 A के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता ललित कुमार का कहना है कि कोर्ट ने प्रारंभिक सुबूत और सुनवाई प्रक्रिया को सही मानते हुए पावर कारपोरेशन आरोपित पक्ष पर गैर इरादतन हत्या के तहत धारा 304 में मुकदमा दर्ज करने के आदेश पुलिस को दो दिन पहले दिए थे. लेकिन इस मामले पर भी कोर्ट के आदेश की नाफरमानी करते हुए कोतवाली पुलिस ने आरोपी पक्ष के खिलाफ उपेक्षा द्वारा किसी मृत्यु कारित करने जैसे आरोप के तहत धारा 304 A के तहत मुकदमा दर्ज किया है.
पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता ललित कुमार ने बताया कि यह मामला पावर कारपोरेशन की घोर लापरवाही के चलते किसी को शारीरिक क्षति पहुंचाने के कारण उसकी मौत से जुड़ा है, जो आईपीसी की धारा 304 गैर इरादतन हत्या के तहत आता है. जिसमें 7 से 10 साल की सजा और गैर जमानती वारंट का प्रावधान है. जबकि धारा 304 A के तहत मात्र 2 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है.
मृतक पक्ष के अधिवक्ता ललित कुमार के मुताबिक पुलिस ने इस मामले में न सिर्फ एक सड़क पर रहने वाले गरीब परिवार के मुखिया की मौत पर किसी तरह की सुनवाई नहीं की बल्कि, अब गैर इरादतन हत्या के बदले मात्र उपेक्षा द्वारा किसी की मृत्यु कार्य करने जैसी धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है, जो गरीब और अमीर व्यक्ति में कानूनी कार्रवाई के अंतर को दर्शाता है.
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एक साल से पीड़ित परिवार पुलिस से लगाता रहा गुहारः जानकारी के मुताबिक उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन निदेशक के खिलाफ जुड़ा यह मामला 15 जुलाई 2020 का है. पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता ललित कुमार के मुताबिक 15 जुलाई को हरिद्वार के सराय मोहल्ला निवासी बालम माकन नाम का व्यक्ति देहरादून के परेड ग्राउंड किनारे सड़क से गुजर रहा था. तभी सड़क पर बिजली का हाईटेंशन तार गिरा होने की वजह से बालम माकन उसके संपर्क में आए और उनकी बेहद दर्दनाक मौत मौके पर ही हो गई. बालम का परिवार उस समय परेड ग्राउंड के पास गरीबी की हालत में गुजर बसर करता था.