पुलिस की छापेमारी से खड़ा हुआ विवाद देहरादून: जिले में पुलिस ने पिछले दिनों 400 से ज्यादा मेडिकल स्टोर्स पर निरीक्षण करते हुए 60 मेडिकल स्टोर बंद करवा दिए थे. हालांकि पुलिस द्वारा इन मेडिकल स्टोर्स को बंद करने के अगले दिन ही इन्हें दोबारा खोल दिया गया. खास बात यह है कि पुलिस ने इन मेडिकल स्टोर में कई अनियमितताएं होने की बात कही थी.
मेडिकल स्टोर्स पर छापे से फंसी पुलिस: अब पुलिस से ही सवाल पूछे जाने लगे हैं कि क्या उन्हें इन मेडिकल स्टोर्स पर इस तरह की कार्रवाई करने का अधिकार है. देहरादून एसएसपी अजय सिंह के आदेश पर जिले में तमाम जगहों पर हुई इस कार्रवाई के खिलाफ मेडिकल स्टोर्स से जुड़े लोग भी सामने आ रहे हैं. बड़ी बात यह है कि मेडिकल स्टोर्स के कुछ लोगों ने तो ड्रग कंट्रोलर को भी इसकी शिकायत करते हुए पुलिस द्वारा अपने अधिकार क्षेत्र से आगे जाकर कार्रवाई किए जाने का आरोप लगा दिया है.
पुलिस पर ड्रग एक्ट के उल्लंघन का आरोप: मेडिकल स्टोर्स संगठन ने पुलिस की कार्रवाई को ड्रग एक्ट के खिलाफ बताया. ऐसी कार्रवाई में ड्रग विभाग के अफसरों के न होने पर भी चिंता जताई. उधर दूसरी तरफ ड्रग विभाग के अधिकारी भी पुलिस की कार्रवाई को नियम के खिलाफ मानते हुए नजर आए. सहायक औषधि नियंत्रक डॉक्टर सुधीर कुमार ने कहा कि ड्रग एक्ट एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट में सीधे तौर पर मेडिकल स्टोर्स पर कार्रवाई करने का अधिकार ड्रग विभाग को ही दिया गया है. लिहाजा पुलिस की ये कार्रवाई एक्ट के खिलाफ है. यही नहीं सुप्रीम कोर्ट के स्तर पर भी इस तरह की कार्रवाई के लिए सीधे तौर पर निर्देश जारी किए गए हैं.
छापे में पुलिस को नहीं मिली थी कोई बड़ी सफलता: पुलिस विभाग की कार्रवाई आनन-फानन में होती हुई दिखाई दी है. ऐसा इसलिए क्योंकि यदि पुलिस के पास ऐसे स्टोर्स पर कार्रवाई का कोई अधिकार ही नहीं है तो फिर इस तरह ना तो अनियमितता अपने वाले मेडिकल स्टोर्स पर कोई कार्रवाई पुलिस कर पाई और ना ही कार्रवाई का कोई मकसद हल हो पाया. जाहिर है कि पुलिस यदि ड्रग विभाग को भी साथ लेती, तो ऐसे स्टोर्स पर कड़ी कार्रवाई हो सकती थी. उल्टा अब पुलिस विभाग ही इस मामले में आरोपों में घिर गया है. उसके लिए इस पर कोई सटीक जवाब देना भी मुश्किल होता हुआ दिखाई दे रहा है. नतीजा यह है कि पुलिस विभाग पर ही उत्पीड़न के आरोप लगने लगे हैं.
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एसएसपी को मिला ये जवाब: उधर एसएसपी देहरादून अजय सिंह को भी पुलिस की तरफ से इसका जवाब दिया गया. उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई किसी के उत्पीड़न के लिए नहीं की गई थी. पुलिस ने महज कुछ अनियमितताओं को विभाग के सामने लाने के लिए यह कार्रवाई की थी. बहरहाल पुलिस ने इस तरह बिना ड्रग विभाग से समन्वय स्थापित किए ऐसी कार्रवाई आनन फानन में क्यों की, ये सवाल बना हुआ है और पुलिस की ये कार्रवाई उसी पर उल्टा पड़ गयी दिखती है.
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