देहरादून: उत्तराखंड के चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड के दोषियों को सजा दिलाने के लिए भड़की आग अभी तक शांत नहीं हुई है. इस मामले में वीआईपी के नाम उजागर करने और सीबीआई जांच की मांग को लेकर युवा न्याय संघर्ष समिति ऋषिकेश लगातार विरोध प्रदर्शन कर रही है. वहीं कांग्रेस भी लगातार सरकार पर दबाव बना रही है. शनिवार को अंकिता भंडारी मामले में युवा न्याय संघर्ष समिति का समर्थन करने कांग्रेस नेता जयेंद्र रमोला राजभवन के बाहर धरने पर बैठे.
जयेंद्र रमोला के राजभवन के बाहर धरने पर बैठने के 15 मिनट बाद ही पुलिस मौके पर पहुंची और जयेंद्र रमोला को हिरासत में लेकर थाने ले गई. जैसे ही ये खबर कांग्रेसियों को मिली वे भी गढ़ी कैंट थाने पहुंचे. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा भी दलबल के साथ गढ़ी कैंट थाने में ही धरने पर बैठे गए और जयेंद्र रमोला की मांगों का समर्थन किया.
अंकिता हत्याकांड को लेकर कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन पढ़ें- BJP प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के गैरसैंण बयान पर भड़के माहरा, बोले- शर्म नहीं आती, क्या भांग चढ़ा रखी है? बता दें कि युवा न्याय संघर्ष समिति ऋषिकेश करीब पिछले 15 दिनों से ऋषिकेश में अंकिता भंडारी हत्याकांड के दोषियों को सजा दिलाने के लिए आंदोलनरत हैं. बीते 17 दिनों से समिति के विभिन्न सदस्य आमरण अनशन भी कर रहे है, लेकिन सरकार उनकी मांगों पर विचार नहीं कर रही है. वहीं शनिवार को उनका समर्थन में कांग्रेस नेता जयेंद्र रमोला राजभवन के सामने धरना दिया. इस दौरान जयेंद्र रमोला ने विधानसभा बैंक डोर भर्ती घोटाले का भी मामला उठाया.
उत्तराखंड क्रांति दल ने भी साधा निशाना: उत्तराखंड क्रांति दल ने प्रेस वार्ता करते हुए अंकिता हत्याकांड मामले में प्रदेश के एक कैबिनेट मंत्री की संलिप्तता का आरोप लगाते हुए सरकार से उनकी भूमिका की जांच किए जाने की मांग उठाई है.
शिव प्रसाद सेमवाल ने कहा कि विधानसभा सत्र में कैबिनेट मंत्री के बयान बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और और अपराधियों को बचाने वाला है, जिससे प्रतीत होता है कि उनकी भी इस हत्याकांड में संलिप्तता है. उन्होंने कहा कि कैबिनेट मंत्री ने सदन में यह बयान दिया था कि इस मामले में कोई भी वीआईपी गेस्ट नहीं है उन्होंने होटल के मैनेजर की बातों का हवाला देते हुए बयान दिया था कि वीआईपी कोई गेस्ट नहीं है बल्कि रिजॉर्ट के कमरों को ही वीआईपी नाम दिया गया था.
उत्तराखंड क्रांति दल के नेता सेमवाल ने सवाल उठाए कि अगर वह वीआईपी शब्द गेस्ट के लिए नहीं बल्कि रूम के लिए प्रयोग होना बता रहे हैं तो उनको यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि एक्स्ट्रा सर्विस की डिमांड किसके लिए हो रही थी. उत्तराखंड क्रांति दल ने यह भी सवाल उठाये कि क्या एसआईटी ने सरकार को रिपोर्ट सौंप दी है और यदि जांच अभी गतिमान है तो मंत्री कैसे जांच को प्रभावित करने वाला बयान दे रहे हैं.