देहरादून:एसटीएफ और साइबर क्राइम पुलिस ने तमिलनाडु के तिरुवेनवेली में देशभर में संचालित कौन बनेगा करोड़पति के नाम पर ठगी करने वाले दो साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है. इन पर तमिलनाडु, असम, बिहार, उत्तर प्रदेश, गुजरात आदि प्रदेशों के पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ इंडिया और भारतीय स्टेट बैंक के कुल 14 बैंक खातों से धोखाधड़ी कर करोड़ों की धनराशि ठगने का आरोप है. आरोपियों के तार पाकिस्तान से मिले हैं. ये पाकिस्तान के आईपी एड्रेस का इस्तेमाल करते थे.
मिली जानकारी के अनुसार, 'कौन बनेगा करोड़पति' में लॉटरी जीतने के नाम पर धोखाधड़ी संबंधी एक शिकायत एसटीएफ देहरादून को मिली थी. जांच शुरू हुई तो कई मामले खुलते गए. देहरादून निवासी सेना में हवलदार के पद पर कार्यरत व्यक्ति को साइबर अपराधियों ने वॉट्सअप पर लक्की ड्रॉ के नाम पर एक मैसेज भेजा और 25 लाख की लॉटरी जीतने की बात कर उनके खाते से में लगभग 7 लाख रुपए उड़ा दिए.
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पीड़ित की तहरीर पर पुलिस ने आरोपियों के नंबरों की डिटेल निकाली. जांच में पाया गया कि अपराधियों ने इस तरह कर्नाटक और बिहार से भी कई लोगों को कॉल किए और उनसे भी धोखाधड़ी की है. आरोपियों ने सभी नंबरों में पाकिस्तान के आईपी एड्रेस का प्रयोग किया था. जब बैंक खातों की जानकारी निकाली गई तो तो पता चला कि साइबर अपराधियों ने तमिलनाडु, असम, बिहार, उत्तर प्रदेश, गुजरात आदि प्रदेशों के पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ इंडिया और भारतीय स्टेट बैंक के कुल 14 बैंक खातों का प्रयोग किया और लाखों की धोखाधड़ी की.
इन खातों में धोखाधड़ी की धनराशि आने पर उस धनराशि में से 3 से 5 प्रतिशत तक का कमीशन काटकर शेष धनराशि श्रीलंका और दुबई के प्रतिष्ठित कंपनी डीलरों की आईडी पर रिचार्ज के माध्यम से भेजी जाती थी. आरोपी लगभग 5-6 वर्षों से लोगों के साथ ठगी करने का काम कर रहे थे. अब तक आरोपी देशभर में 10 से 12 करोड़ रुपये की ठगी कर चुके हैं.
एसटीएफ एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीम दिल्ली, कर्नाटक, तमिलनाडु भेजी गई थी. पुलिस टीम आरोपी वल्लिनायगम और जॉनसन को तिरुवेनवेली तमिलनाडु से गिरफ्तार कर देहरादून लेकर आई. जिसके बाद दोनों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया. दोनों से पूछताछ जारी है.