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देहरादून रजिस्ट्रार ऑफिस में बैनामों से छेड़छाड़ मामला, पुलिस के हत्थे चढ़ा नामी वकील, अब तक 9 आरोपी गिरफ्तार - देहरादून में भूमि अभिलेख फर्जीवाड़ा

Dehradun Registrar Office में बैनामों के साथ छेड़छाड़ मामले में 9वीं गिरफ्तारी हुई है. देहरादून पुलिस ने मामले के मास्टरमाइंड केपी सिंह के अधिवक्ता कमल विरमानी को गिरफ्तार किया है. कमल विरमानी फर्जीवाड़े में उसका पूरा साथ देता था. देर रात देहरादून से कमल विरमानी को हिरासत में लिया गया था. पूछताछ के बाद आज कमल विरमानी को गिरफ्तार किया गया. Land Records Forgery in Dehradun

kamal virmani
कमल विरमानी

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 27, 2023, 5:40 PM IST

Updated : Aug 29, 2023, 2:09 PM IST

देहरादून रजिस्ट्रार ऑफिस में बैनामों से छेड़छाड़ मामले में पुलिस के हत्थे चढ़ा नामी वकील.

देहरादूनः रजिस्ट्रार ऑफिस के रिकॉर्ड से छेड़छाड़ कर धोखाधड़ी से करोड़ों रुपए की जमीनों की खरीद फरोख्त करने के मामले में देहरादून के नामी वकील कमल विरमानी को कोतवाली पुलिस ने देर रात क्रॉस रोड मॉल के बाहर हिरासत में लिया. जिसके बाद आज कमल विरमानी से पूछताछ की गई. पूछताछ में संतोषजनक जवाब न मिलने के बाद पुलिस ने आज कमल विरमानी को गिरफ्तार किया. वकील कमल पर 281/2023 धारा 420/120बी/467/468/47 के तहत मुकदमा दर्ज किया है. अभी तक इस रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में कुल 9 आरोपियों की गिरफ्तार किया जा चुका है. साथ ही और भी नाम सामने आए हैं, जिनके खिलाफ सबूत इकट्ठे कर दबिश दी जा रही है.

देहरादून एसएसपी दलीप सिंह कुंवर का कहना है कि गिरफ्तार आरोपियों पर गैंगस्टर की भी कार्रवाई की जाएगी. साथ ही इस फर्जी मामले में अब तक करीब 10 करोड़ रुपए का लेनदेन और पौने दो एकड़ जमीन पर फर्जीवाड़ा सामने आया है. जल्द ही और आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी. इसके लिए एसआईटी की टीम जांच कर दबिश देने का काम कर रही है.

ये है मामलाः 15 जुलाई को संदीप श्रीवास्तव सहायक महानिरीक्षक निबंधन ने शिकायत दर्ज कराई थी कि जिलाधिकारी द्वारा 3 गठित समिति की जांच रिपोर्ट में अज्ञात आरोपियों की मिलीभगत से धोखाधड़ी की नियत से आपराधिक षड्यंत्र रचकर रजिस्ट्रार कार्यालय और उप रजिस्ट्रार कार्यालय में अलग-अलग बैनामों में छेड़छाड़ की गई है. इस संबंध में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया. मुकदमा पंजीकृत होने के बाद एसएसपी ने मामले के खुलासे के लिए एसआईटी टीम का गठन किया है.
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पौने दो एकड़ जमीन पर फर्जीवाड़ा: एसआईटी ने रजिस्ट्रार ऑफिस से जानकारी लेते हुए रिंग रोड से संबंधित 50 से अधिक रजिस्ट्रियों का अध्ययन कर संबंधित लोगों से पूछताछ की. पूछताछ में कुछ प्रॉपर्टी डीलर के नाम सामने आए. प्रॉपर्टी डीलरों से पूछताछ में कई लोगों के नाम आने के बाद गठित टीम ने कई संदिग्धों के विभिन्न बैंक अकाउंट चेक किए, जिसमें करीब 10 करोड़ रुपयों का लेन-देन होना पाया गया. इन लोगों द्वारा बनाए गए दस्तावेजों को रजिस्ट्रार कार्यालय से प्राप्त करने पर करीब पौने दो एकड़ भूमि पर फर्जीवाड़े का होना भी पाया गया.

इन लोगों की हुई गिरफ्तारी: एसआईटी की टीम ने मामले में पहले मक्खन सिंह, सतोष अग्रवाल, दीप चंद अग्रवाल (जमीन खरीदने वाले) और रजिस्ट्रार कार्यालय में नियुक्त डालचंद, वकील इमरान अहमद, रोहताश सिंह (रजिस्ट्रार ऑफिस में तैनात पीआरडी जवान), राजस्व अभिलेखागार में नियुक्त विकास पांडे, रिकॉर्ड रूम में नियुक्त अजय सिंह क्षेत्री को गिरफ्तार कर चुकी है. सभी वर्तमान में न्यायिक अभिरक्षा में जिला कारागार में निरुद्ध हैं. इन लोगों से विस्तृत पूछताछ में कई अन्य लोगों के नाम भी आए थे. एसआईटी द्वारा आरोपियों के संभावित ठिकानों पर दबिश दी जा रही है. एसआईटी द्वारा मुखबिर की सूचना पर शनिवार देर रात क्रॉस रोड मॉल के बाहर से एक अन्य आरोपी अधिवक्ता कमल विरमानी को पुलिस टीम द्वारा गिरफ्तार किया गया.
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प्रॉपर्टी केस से हुई जान पहचान: एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने बताया आरोपी कमल विरमानी से पूछताछ में जानकारी मिली कि कमल विरमानी, सहारनपुर निवासी केपी सिंह (कंवर पाल) को काफी सालों से जानता था. मामले का मास्टरमाइंड केपी, वकील कमल के पास डालनवाला की एक प्रॉपर्टी का केस लेकर आया था. जिसमें आरोपी कमल ने केपी की काफी मदद की थी. इसके बाद केपी ने कमल को सहारनपुर में कुछ जमीनों के पुरानी रजिस्ट्री बनवाकर अपने और अपने जानने वालों के नाम पर चढ़ाकर करोड़ों रूपये कमाने की बात कही थी.

ड्राफ्टिंग का काम करता था कमल: एसएसपी ने बताया कि केपी द्वारा देहरादून में भी पुरानी और विवादित जमीनों पर इसी तरह काम करने के लिए इनसे सलाह मांगी गई थी. रुपयों के लालच में आकर आरोपी कमल ने केपी को क्लेमेंट टाउन, पटेलनगर, रायपुर, नवादा और रैनापुर से संबंधित जमीनों के बारे में बताया था. उन जमीनों की रजिस्ट्री का मैटर (ड्राफ्टिंग) भी बनाकर दिया था और अपने मुंशी रोहताश और वकील इमरान को केपी से मिलवाकर रजिस्ट्रार और तहसील में इनकी मदद करने के लिए कहा गया था. एसएसपी ने बताया कि पुराने स्टांप पेपर और मुहरों की व्यवस्था केपी करता था और उसमें जो मैटर (ड्राफ्टिंग) लिखा जाता था, वह आरोपी कमल विरमानी इनको बनाकर देता था.

रिकॉर्ड रूम में रखते थे फर्जी कागज: एसएसपी के मुताबिक, इसके बाद वकील इमरान और मुंशी रोहताश द्वारा रजिस्ट्रार और राजस्व रिकॉर्ड रूम में अजय क्षेत्री, डालचंद, विकास पांडे की सहायता से उन कागजों को रिकॉर्ड रूम में रख दिए जाते थे. इसके बाद आरोपी कमल विरमानी द्वारा उनसे संबंधित केसों की पैरवी अपने स्तर से करवाकर राजस्व रिकॉर्ड रूम में नाम दर्ज करा दिया जाता था. उसके बाद पीड़ितों को विश्वास में लेकर जाल में फंसाते थे. आरोपी की पूछताछ में कई अन्य आरोपियों के नाम भी आए हैं. जिनके संबंध में एसआईटी द्वारा जांच और साक्ष्य संकलन की कार्रवाई की जा रही है.
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Last Updated : Aug 29, 2023, 2:09 PM IST

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