देहरादून:भारतीय सेना के वीरता और पराक्रम का लोहा पूरी दुनिया मानती है. आमने-सामने की लड़ाई में भारतीय सेना का विश्व में कोई सानी नहीं है. ऐसे में दून की ऑर्डिनेंस फैक्ट्री ने भारतीय सेना के लिए एक ऐसा अनोखा मोनोकुलर डिवाइस बनाया है. जो जवानों के लिए सरहद की निगहबानी और नक्सल प्रभावित इलाकों में काफी मददगार साबित होगा.
देहरादून ओएफडी ने भारतीय सेना के लिए बनाई मोनोकुलर नाइट साइट डिवाइस. देहरादून स्थित आयुध इकाई ने इस बार भारतीय सेना के लिए एक ऐसा अनोखा "मोनोकुलर नाइट साइट डिवाइस" तैयार किया है, जिसकी मदद से रात के घनघोर अंधेरे में लगभग 12,00 मीटर तक दुश्मन की हर एक हरकत पर पैनी नजर रखी जा सकेगी. इस मोनोकुलर डिवाइस को तैयार करने में संस्थान की R&D टीम को करीब छह महीने का वक्त लगा है. वहीं, ये डिवाइस पूरी तरह से थर्मल इमेजिंग पर आधारित है.
मोनोकुलर नाइट साइट डिवाइस. ये भी पढ़ेंःहल्द्वानी वन अनुसंधान केंद्र दे रहा है विदेशी फूलों को नया जीवन
इस छोटे से नाइट साइट लेजर दूरबीन का सबसे ज्यादा फायदा नक्सली प्रभावित इलाकों में अर्धसैनिक बलों को मिलेगा. जिसकी मदद से जवान आसानी से दुश्मनों की हर हरकत पर नजर रखकर अपनी कार्रवाई को सफल तरीके से अंजाम दे सकेंगे. अभी तक 500 से ज्यादा नाइट साइट डिवाइस अर्धसैनिक बलों को सौंप दिया गया है, जो इन दिनों प्रशिक्षण लेकर अपनी कार्रवाई को एडवांस बनाने में जुटे हैं.
वहीं, आने वाले दिनों में भारतीय सेना को भी इस मोनोकुलर नाइट साइट डिवाइस को सप्लाई करने की तैयारी चल रही है. इस आधुनिक लेजर नाइट साइट डिवाइस की बेहतरीन परफॉर्मेंस को देखते हुए सेना के सभी बलों में इसकी डिमांड बढ़ गई है. जिसे देखते हुए आयुषी निर्माणी (OFD) भारी संख्या में भारतीय सेना के सभी इकाइयों के जरुरत के मुताबिक इसे तैयार कर रही है.
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रात को तारों ना होने पर भी घनघोर काली छाया में भी कारगर है यह एडवांस लेजर दूरबीन
ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए देहरादून ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के महाप्रबंधक पीके दीक्षित ने बताया कि इस स्पेशल नाइट विजन लेजर डिवाइस का वजन करीब 600 ग्राम है. यह डिवाइस इतनी एडवांस टेक्नोलॉजी से बनाई गई है कि करीब डेढ़ किलोमीटर तक रात के किसी भी तरह के अंधेरे में साफ तौर पर हर हरकत को नजर रखी जा सकती है.
उन्होंने कहा कि अभी तक भारतीय सेना और अर्धसैनिक बलों को ऐसे उपकरण दिए गए थे, जो सिर्फ स्टार लाइट में दुश्मनों को देखने में सक्षम थे. जबकि, यह नई मोनोकुलर डिवाइस किसी भी अंधेरे में सेना का काम दुश्मनों को भेदने में आसान कर सकती है. साथ ही इस डिवाइस की कीमत विदेश से मंगवाई जाने वाली डिवाइस के मुकाबले आधी है. ऐसे में अब कई तरह के आधुनिक हथियार, उपकरणों के लिए हमें ज्यादा विदेशों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा.