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House Tax: देहरादून नगर निगम का सरकारी कार्यालयों पर 97 करोड़ बकाया, SSP ऑफिस सबसे बड़ा बकाएदार

देहरादून नगर निगम के इस साल के वित्तीय वर्ष को अब एक महीना भी नहीं बचा है. लेकिन राज्य सरकार के कार्यालय हों या फिर केंद्र सरकार के कार्यालय हों, नगर निगम का करोड़ों रुपए का टैक्स दबाए बैठे हैं. इससे नगर निगम अपने लक्ष्य को पूरा नहीं कर पा रहा है. हालांकि नगर निगम ने इन सभी को नोटिस भेजकर 31 मार्च तक हाउस टैक्स जमा करने के लिए कहा है.

House Tax
देहरादून नगर निगम

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Published : Mar 6, 2023, 12:56 PM IST

देहरादून: वित्तीय साल 2022- 23 के अंतिम महीने में भवन कर की वसूली तेज करते हुए नगर निगम ने बड़े बकायेदारों को नोटिस भेजकर 31 मार्च से पहले बकाया भवन टैक्स जमा कराने को कहा है. इसमें सबसे ऊपर देहरादून के एसएसपी कार्यालय का नाम है. नगर निगम की ओर से एसएसपी को शहर के सभी पुलिस कार्यालय, थाने चौकी और पुलिस लाइन के भवनों को लेकर एक करोड़ 59 लाख रुपए का नोटिस भेजा है. पुलिस अस्पताल, नाबार्ड सहित सरकारी और निजी विभागों पर हाउस टैक्स के रूप में नगर निगम का करीब 97 करोड़ रुपए बकाया है. बता दें कि कई ऐसे सरकारी कार्यालय हैं, जिन्होंने 2016 के बाद असेसमेंट से अब तक भवन कर नहीं चुकाया है.

  • ये हैं बड़े बकाएदार हैं उनमें:
    एसएसपी कार्यालय - 1 करोड़ 59 लाख 97 हजार 502 रुपए
    नाबार्ड सहस्त्रधारा रोड - 1 करोड़ 30 लाख 78 हजार 866 रुपए
    दून अस्पताल नरदेव शास्त्री मार्ग - 1 करोड़ 10 लाख 825 रुपए
    राजकीय दून मेडिकल कॉलेज देहरादून - 95 लाख 29 हजार 751 रुपए
    एसएसपी एसडीआरएफ नरदेव शास्त्री मार्ग - 8 करोड़ 24 लाख 58 हजार 520 रुपए
    पुलिस अधीक्षक कार्यालय- 39 लाख 46 हजार 094
    प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड - 31 लाख 26 हजार 095 रुपए
    बीपीओ आईटी पार्क -27 लाख 77 हजार 880 रुपए
    महिला अस्पताल - 11 लाख 36 हजार 872 रुपए

इसके साथ ही ब्रिडकुल, एमएस प्रोफेसनल आईटी पार्क, यूको बैंक आईटी पार्क, दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ भी बड़े बकाएदारों में शामिल हैं. टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड और महाप्रबंधक भारत संचार निगम लिमिटेड तक बकाएदारों में हैं.

  • इन पर भी है नगर निगम का बकाया:
    ब्रिडकुल - 1 लाख 6 हजार 750 रुपए
    एमएस प्रोफेशनल आईटी पार्क - 25 लाख 36 हजार 858 रुपए
    यूको बैंक आईटी पार्क -25 लाख 20 हजार 280 रुपए
    दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ - 24 लाख 15 हजार 248 रुपए
    रैमटेक सॉफ्टवेयर आईटी पार्क - 23 लाख 53 हजार 881 रुपए
    भातखंडे संगीत महाविद्यालय - 19 लाख 32 हजार 928 रुपए
    रीगल इनफॉर्मेशन आईटी पार्क - 17 लाख 8 हजार 585 रुपए
    कौलागढ़ सब स्टेशन - 15 लाख 47 हजार 956 रुपए
    मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय - 1 लाख 17 हजार 742 रुपए
    टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड - 2 लाख 30 हजार 58 रुपए
    महाप्रबंधक भारत संचार निगम लिमिटेड -2 लाख 65 हजार 392 रुपए
    पर्यटन निदेशालय उत्तराखंड विकास परिषद -6 लाख 9 हजार 602 रुपए
    एलआईसी ऑफ इंडिया - 12 लाख 57 हजार 257 रुपए
    कौशल विकास सेवा योजना विभाग -11 लाख 28 हजार 974 रुपए
    कार्यालय श्रम न्यायालय - 2 लाख 87 हजार 71 रुपए

47 सरकारी कार्यालयों पर 97 करोड़ बकाया: इस तरह सरकारी विभागों के कुल 47 कार्यालयों पर 97 करोड़ रुपए बकाया हैं. वहीं अगर हम बात करें तो राज्य सरकार के 34 कार्यालयों पर भवन कर बकाया है, इनमें तहसीलदार कार्यालय, जिला पूर्ति अधिकारी कार्यालय, उत्तराखंड आवास एवं विकास परिषद, सेवायोजन विभाग, महिला आईटीआई, विकास भवन, पर्यावरण ऑफिस, पवेलियन ग्राउंड, सिडकुल आईटी पार्क, पुलिस कॉलोनी, शिक्षा विभाग, विद्युत सब स्टेशन, कोरोनेशन अस्पताल, पुलिस मुख्यालय, उत्तराखंड पेयजल संसाधन, बीएसएनएल ऑफिस, पीडब्ल्यूडी ऑफिस, जिला उद्योग केंद्र, सीएमओ कार्यालय, परिवहन निगम, मुख्य वन संरक्षक और रायपुर स्पोर्ट्स स्टेडियम शामिल हैं.

वहीं अगर केंद्र सरकार के संस्थान की बात करें तो जनरल पोस्ट ऑफिस, सर्वे ऑफ इंडिया सर्वे चौक, मुख्य आयकर आयुक्त और आईआईआरएस भवन कर बकाया है. अगर जनपद के सरकारी कार्यालय अपना टैक्स नगर निगम में जमा करते हैं तो नगर निगम के राजस्व में काफी अधिक बढ़ोत्तरी हो सकती है.
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36 करोड़ का हाउस टैक्स जमा कर पाया है नगर निगम: नगर निगम में अब तक 36 करोड़ रुपए से अधिक हाउस टैक्स जमा हो गया. वहीं नगर निगम ने इस बार के वित्तीय वर्ष का लक्ष्य 50 करोड़ रुपए से ज्यादा का रखा है. नगर निगम द्वारा जो टॉप डिफाल्टर हैं उनकी लिस्ट बनाई जा चुकी है. जिसमें काफी अधिक सरकारी विभाग भी हैं जो इस डिफॉल्टर की लिस्ट में हैं. नगर निगम की टीम द्वारा लगातार विभागों के साथ संपर्क बनाया हुआ है. कई विभागों द्वारा टैक्स जमा करने के लिए आश्वासन दिया गया है. नगर निगम द्वारा सरकारी कार्यालयों को नोटिस भेजे जा रहे हैं.

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