देहरादून: मानसून आते ही पहाड़ी जनपदों में लगातार बारिश हो रही है. जिस कारण देहरादून की रिस्पना और बिंदाल नदी कभी भी उफान पर आ सकती है. ऐसे में इन नदियों के आसपास लोगों को जिला प्रशासन और नगर निगम द्वारा शिफ्ट करने की तैयारी की जा रही है. ताकि, नदी में उफान आने पर लोगों की जान और माल की सुरक्षा हो सके.
हर साल मानसून में नदी किनारे बसे लोगों की सुरक्षा को देखते हुए पहले ही जिला प्रशासन, पुलिस और नगर निगम की टीम अलर्ट करती रहती है. अगर नदियों में उफान आ जाए तो उनको शिफ्ट करने का काम किया जाता है. देहरादून शहर के बीच से निकलने वाली रिस्पना और बिंदाल नदी के किनारे सैकड़ों की संख्या में कच्चे और पक्के मकान बनाकर लोग रह रहे हैं.
लोगों को शिफ्ट करने की तैयारी जब पहाड़ों पर बारिश लगातार होती है तो यह दोनों नदियां उफान पर रहती है. जिससे नदियों के पास रहने वालों का नुकसान होता है. वहीं, इस बार नदियों के आसपास रहने वालों को जानमाल का नुकसान न हो, उसके लिए नगर निगम ने यहां रहने वाले लोगों को अलर्ट किया है. साथ ही लगातार बारिश होने पर लोगों को शिफ्ट करने की व्यवस्था होती है.
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नगर आयुक्त मनुज गोयल ने बताया कि नगर निगम के रैन बसेरों में करीब 500 लोगों को ठहरने की व्यवस्था है. नगर निगम के पास पांच रैन बसेरे हैं, जिनमें 500 लोगों को शिफ्ट कर सकते हैं. यदि किसी भी तरह की कोई समस्या उत्पन्न होती है तो तुरंत नदियों के पास बसे लोगो को शिफ्ट करा दिया जाएगा. मौसम की जानकारी मिलते ही नगर निगम की टीम द्वारा अनाउंसमेंट करवाया जाता है.
बता दें कि पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार बारिश होने से आपदा की स्थिति बन जाती है. वहीं, इस दौरान देहरादून के दूरस्थ गावों का संपर्क टूट जाता है और गांव में रहने वाले लोगों को राशन की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इस बार गांव वालों को राशन की दिक्कत न हो उसके लिए जिला प्रशासन ने सभी दूरस्थ गांव मे तीन महीने का राशन पहुंचा दिया है.
गांवों में अतिरिक्त राशन भेजने की तैयारी: जिलाधिकारी आर राजेश कुमार ने कहा मानसून से पहले ही जिलापूर्ति अधिकारी के साथ बैठक की गई थी. जिसमें दूरस्थ गांवों में तीन महीने का राशन डीलरों को देने के निर्देश दिए गए. जिसके बाद सभी राशन डीलर को तीन महीने का राशन अगले हफ्ते पहुंचाया दिया जाएगा. जिससे गांव वालों को आपदा के समय किसी भी तरह की कोई दिक्कत न आये. भारी बारिश होने के कारण देहरादून जनपद के लांघा क्षेत्र के कई गांव आपदा की जद में आ जाते हैं. अतियारी, गांव सहित चकराता क्षेत्र के आसपास के गांव आपदा के लिए काफी संवेदनशील है. जिस कारण गांव वालो को राशन की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.