देहरादून:कोविड-19 और लॉकडाउन की वजह से हर तबका प्रभावित हुआ है. हर वर्ग पर इसका बुरा असर देखने को मिला है. वहीं, कोरोना और लॉकडाउन की मार से उत्तराखंड भी अछूता नहीं रहा. लॉकडाउन ने ग्रामीण क्षेत्र ही नहीं, बल्कि शहरों में भी आर्थिकी की कमर तोड़ कर रख दी है. उत्तराखंड के 9 बड़े निगमों को इन ढाई महीनों में राजस्व में काफी नुकसान पहुंचा है. कोरोना के चलते देहरादून नगर निगम और प्रदेश के अन्य निगमों को राजस्व का कितना नुकसान हुआ है. देखिए खास रिपोर्ट...
पहली तिमाही में हाउस टैक्स में 10 करोड़ का नुकसान
निगमों में राजस्व को लेकर सबसे बड़ी वसूली हाउस टैक्स से होती है, लेकिन लॉकडाउन के चलते देहरादून नगर निगम को करोड़ों का नुकसान हुआ है. पिछले साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो वर्ष 2018-19 का 40 करोड़ हाउस टैक्स से आया था, यानी की हर एक तिमाही का 10 करोड़ अनुमानित राजस्व आया था, लेकिन इस वित्तीय वर्ष में पहली तिमाही में पूरी तरह से नुकसान हुआ है और बमुश्किल से एक या दो करोड़ रुपए की वसूली हो पाई है.
विज्ञापन क्षेत्र में भी हुआ नुकसान
विज्ञापन और प्रचार प्रसार के लिए निर्धारित साइटों से आने वाला राजस्व भी नगर निगम के लिए आय एक बड़ा स्रोत है. देहरादून नगर निगम के बात करें तो 3 करोड़ रुपए केवल होर्डिंग विज्ञापन से निगम को मिलता है और हर साल इसमें 25 फीसदी की बढ़ोतरी होती है, लेकिन इस बार लॉकडाउन के चलते विज्ञापन साइट खाली रहीं. जिसकी वजह से पहली तिमाही में 75 लाख रुपये के नुकसान का आकलन किया गया है.
केंद्र और स्टेट फाइनेन्स कमीशन से मिली सीमित राहत
देहरादून नगर निगम से मिली जानकारी अनुसार स्टेट फाइनेंस कमीशन से पहली तिमाही में जो 25 करोड़ पर मिलते थे, उन्हें अब हर एक माह 8 करोड़ कर दिया गया है. जिससे निगम कर्मचारियों के वेतन भत्ते पेंशन बिजली के बिल इत्यादि तमाम जरूरी भुगतान किए जाएंगे, तो वहीं केंद्र द्वारा दिए जा रहे हैं 15 फाइनेंस कमिशन से सफाई और जरूरी अन्य खर्च वहन किया जाता है.