देहरादून: जिले के अस्पतालों में भर्ती कोरोना मरीजों के उपचार को लेकर अब प्रशासन ज्यादा फिक्रमंद नजर आ रहा है. इसी के चलते एक बार फिर जिला प्रशासन द्वारा सभी अस्पतालों को रिमाइंडर पत्र भेजा गया है, जिसमें अस्पतालों में उपचार से संबंधित संसाधनों और ऑक्सीजन आवश्यकता को लेकर समय रहते जानकारी देने की कड़ी चेतावनी दी गई है. ताकि मरीजों की उपचार में किसी भी प्रकार कमी ना हो और उनकी जिंदगी सही सलामत रहे.
ऑक्सीजन के लिए 24 घंटे पहले देनी होगी जानकारी
देहरादून जिला अधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने कहा कि सभी अस्पतालों को कोरोना मरीजों के इलाज के दौरान दवा, ऑक्सीजन और अन्य जरूरी संसाधन के लिए 24 घंटे पहले डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन को जानकारी देनी होगी, ताकि समय रहते अस्पतालों की आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके. उन्होंने कहा कि 24 घंटे पहले हर हॉस्पिटल को अपनी आवश्यकता के लिए संबंधित नोडल अधिकारी को डिमांड की जानकारी देनी होगी.
अस्पताल को नोडल अधिकारी से करना होगा संपर्क
डीएम ने कहा कि अगर इसके बावजूद भी किसी अस्पताल में कोई अनहोनी होती है तो उसकी सारी जिम्मेदारी संबंधित अस्पताल की मानी जाएगी. उन्होंने कहा कि दवा और ऑक्सीजन सहित अन्य किसी भी आवश्यकता को लेकर अस्पताल प्रशासन को कोई समस्या सामने आ रही है तो उसकी जानकारी तत्काल प्रशासन व नोडल अधिकारी को देनी होगी. ताकि अस्पतालों से जुड़ी समस्या को त्वरित कार्रवाई करते हुए निस्तारण किया जा सके.
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फर्जीवाड़ा करने वाले पैथोलॉजी लैब का लाइसेंस होंगे निरस्त
वही, कोविड जांच करने वाले पैथोलॉजी में कालाबाजारी को लेकर जिला प्रशासन सहित पुलिस टीमें लगातार छापेमारी कार्रवाई कर रही है. डीएम ने कहा कि कोरोना टेस्टिंग में लूट-फर्जीवाड़ा करने वाले लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई जारी है. कालाबाजारी पर अंकुश लगाने के लिए संबंधित अस्पताल या पैथोलॉजी पर लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई भी सुनिश्चित की जा रही है.
48 घंटे में देनी होगी कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट
जिलाधिकारी ने बताया कि देहरादून में रजिस्टर्ड अस्पताल और पैथोलॉजी लैब सभी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सख्त निर्देश दिए गए हैं. उपचार टेस्टिंग से संबंधित नियम को भारत सरकार की गाइडलाइन और आईसीएमआर नियमों के तहत ही पूरा किया जाना आवश्यक है. किसी भी कोरोना टेस्टिंग में पॉजिटिव आने वाले लोगों की रिपोर्ट हर हाल में 48 घंटे पर उपलब्ध करानी होगी. ऐसा न करने वाले के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी.
कोरोना टेस्टिंग में लैब की मनमानी जारी
बता दें कि कोरोना महामारी की भयावह स्थिति को देखते हुए सैंपल रिपोर्ट देने के लिए 4 से 5 दिन या इससे भी अधिक समय कुछ पैथोलॉजी लैब द्वारा लगाया जा रहा है. इतना ही नहीं कुछ लोग होम कलेक्शन सैंपल के जरिए कालाबाजारी कर टेस्टिंग रिपोर्ट में मनमाना पैसा वसूल रहे हैं. हालांकि, इस मामले में लगातार उत्तराखंड एसटीएफ और पुलिस की विशेष टीमें छापेमारी कर कानूनी कार्रवाई कर रही है.
ज्यादा पैसे लेने वाले लैब पर होगी कार्रवाई
जिलाधिकारी डाॅ. आशीष कुमार श्रीवास्तव ने वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से जनपद स्थित सभी लैब संचालकों के साथ बैठक की. जिलाधिकारी ने सभी लैब संचालकों को निर्देश दिए कि कोरोना जांच कर रहे सभी निजी लैब को अलग-अलग टेस्ट की कीमतों की सूची चिपकानी होगी. निर्धारित दर से ज्यादा वसूलने की शिकायत मिलने के बाद, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई है.