देहरादून:अगर आप देहरादून में रहते हैं और अपने घर में आरओ का इस्तेमाल करते हैं तो ये खबर आपके लिए खास है. घर में लगा आरओ पैसों के साथ-साथ पानी से मिलने वाले शरीर के पोषक तत्व भी आप से छीन रहा है. ऐसा हम नहीं जल शक्ति मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है. देहरादून के ग्राउंड वाटर को लेकर जल शक्ति मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि देहरादून में मिलने वाला ग्राउंड वाटर बेहद खास तरह का है जो पूरे देश में मिलने वाले ग्राउंड वाटर से काफी अलग है. देहरादून के ग्राउंड वाटर में क्या है खास आइये आपको बताते हैं.
देहरादून का ग्राउंड वाटर क्यों है खास: देहरादून के ग्राउंड वाटर को लेकर सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड (CGWB) के रीजनल डायरेक्टर प्रशांत कुमार राय ने कहा कि देश के अन्य राज्यों के ग्राउंड वाटर की तुलना में देहरादून का ग्राउंड वाटर काफी शुद्ध और प्राकृतिक तत्व से भरपूर है. विभागीय शोध के अनुसार अन्य सभी राज्यों के ग्राउंड वाटर में लवणता यानी सलिनिटी जिससे की आम भाषा में सिल्ट भी कहा जाता है वह 14 हजार से 15 हजार के मानक पर पायी जाती है. इसकी तुलना में देहरादून के ग्राउंड वाटर में स्वीट बेहद नगर मानक पर 400 से 500 पर पाया जाता है, जो कि बेहद अच्छी श्रेणी का माना जाता है. इसके अलावा ग्राउंड वाटर में आयरन की मौजूदगी भी शरीर के लिए हानिकारक होती है. यह भी देहरादून के ग्राउंड वाटर में सबसे कम पाई जाती है. इसके अलावा क्लोराइड और आर्सेनिक भी देहरादून के ग्राउंड वाटर में बेहद कम मात्रा में पाया जाता है.
पढे़ं-देहरादून में सिमट रहा भूजल! हर साल 50 सेंटीमीटर नीचे खिसक रहा GROUND WATER
देहरादून में RO की नहीं जरूरत: ग्राउंड वाटर बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि देहरादून में आरओ सिस्टम लगाने की जरूरत नहीं है. यहां घरों में केवल सामान्य फिल्टर ही काफी है. देहरादून में मौजूद सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड के रीजनल डायरेक्टर प्रशांत कुमार राय ने बताया कि आजकल आरओ सिस्टम लगाने का फैशन चला हुआ है. लोग पानी की बारीकियों को समझे बिना ही इसका इस्तेमाल करते हैं.