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जुड़वा बच्चों और प्रसूता की मौत के मामले में होगी मजिस्ट्रेट जांच, डीएम ने दिया आदेश

जुड़वा बच्चों की मौत के बाद अस्पतालों में इलाज के लिए धक्के खाने के बाद प्रसूता ने भी 11 जून को दून अस्पताल में दम तोड़ दिया. अब जिलाधिकारी ने मामले में मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं.

women and twins death case
जुड़वा बच्चों और प्रसूता की मौत की जांच.

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Published : Jun 13, 2020, 4:51 PM IST

देहरादून:जुड़वा बच्चों और प्रसूता की मौत के मामले में जिलाधिकारी ने मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं. वहीं स्वास्थ विभाग ने अपनी ओर से अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर दिनेश चौहान, डॉक्टर एनके त्यागी और डॉक्टर बंदना के नेतृत्व में जांच टीम गठित की है. बता दें कि जुड़वा बच्चों की मौत के बाद चार अस्पतालों के चक्कर काटते हुए देहराखास की रहने वाली 24 वर्षीय महिला की 11 जून की शाम दून अस्पताल के आईसीयू में मौत हो गई.

दरअसल, देहराखास की रहने वाली 24 वर्षीय महिला ने घर पर ही जुड़वा बच्चों को जन्म दिया था, जिनकी मौत हो गई थी. बीते शनिवार को प्रसूता की हालत बिगड़ने पर परिजन उसे कोरोनेशन और फिर गांधी अस्पताल लेकर आए, जहां से प्रसूता को गांधी अस्पताल से रेफर करके दून अस्पताल लाया गया, दून अस्पताल के चिकित्सकों ने महिला को नॉन कोविड हायर सेंटर रेफर कर दिया. इस दौरान प्रसूता को कोविड और नॉन कोविड के चक्कर में किसी अस्पताल में भर्ती नहीं किया और हालत बिगड़ती चली गई. इस दौरान गांधी शताब्दी से महिला को फिर दून अस्पताल भेजा गया, जहां बृहस्पतिवार को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी. प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जुड़वा बच्चे और प्रसूता की मौत के मामले में मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं. जांच की जिम्मेदारी एडीएम प्रशासन को सौंपी गई है, इसके अलावा घटना के दौरान मौजूद लोगों से 7 दिन के भीतर कार्यालय में बयान दर्ज कराने को कहा गया है.

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मामले में स्वास्थ विभाग ने भी अपनी ओर से जांच बैठाते हुए तीन सदस्यीय चिकित्सा अधिकारियों की टीम का गठन किया है. बीते शुक्रवार को जिलाधिकारी के निर्देश पर अस्पताल प्रशासन ने शव परिजनों को सौंप दिया, जिसके बाद अंतिम संस्कार कर दिया गया है. वहीं दून अस्पताल के कोविड -19 के नोडल अधिकारी और अस्पताल के डिप्टी एमएस डॉ. एन एस खत्री का कहना है कि प्रसूता के शव को वेट प्रोटोकॉल की गाइडलाइन के अनुसार परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया था. इस दौरान पूरी स्वास्थ विभाग की टीम ने सतर्कता बरतते हुए नियमानुसार महिला का अंतिम संस्कार कर दिया था.

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