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देहरादून में बच्चों की भिक्षावृत्ति पर रोक लगाने के DM ने दिए आदेश

देहरादून के जिलाधिकारी ने बच्चों की भिक्षावृत्ति पर रोक लगाने के लिए श्रम विभाग के साथ जिला टास्कफोर्स और पुलिस विभाग को निर्देश दिए हैं. डीएम ने ऐसे बच्चों का रेस्क्यू कर समाज कल्याण विभाग के बालगृहों में भिजवाने के निर्देश दिए हैं.

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Published : Mar 31, 2021, 10:40 AM IST

देहरादूनःदेहरादून प्रशासनअब बच्चों से भिक्षावृत्ति करवाने, सड़क पर सामान बेचने और किसी के द्वारा उनसे अन्य काम करवाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने जा रहा है. देहरादून डीएम ने बच्चों को भिक्षावृत्ति से मुक्त कराने और बाल श्रम पर लगाम लगाने के लिए श्रम विभाग के साथ मिलकर जिला टास्कफोर्स और पुलिस विभाग को निर्देश दिए हैं. इसके अलावा डीएम ने गोद में बच्चे को लेकर भिक्षावृत्ति करने वाली महिलाओं के भी बच्चे के साथ डीएनए टेस्ट करवाने के निर्देश दिए हैं. साथ ही ऐसे बच्चे जिनके कोई भी वैधानिक माता-पिता अथवा अभिभावक नहीं हैं, उनको समाज कल्याण विभाग के बालगृहों में भिजवाने के निर्देश दिए हैं.

जिलाधिकारी आशीष श्रीवास्तव ने श्रम विभाग, पुलिस विभाग और बच्चों के कल्याण से जुड़े समाज कल्याण, शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग और इससे जुड़ी चाइल्ड हैल्पलाइन, जिला बाल कल्याण समिति, बचपन बचाओ आन्दोलन जैसे संगठनों को सख्ती से निर्देश दिए कि जिले में कहीं पर भी कोई भी बच्चा भिक्षा मांगता, विभिन्न वस्तुओं को बेचता और किसी के यहां काम करता हुआ न पाया जाए. इसके लिए सभी विभाग और समिति से जुड़े सदस्य मिलकर विभिन्न स्थानों पर समय-समय पर विशेष अभियान चलाकर ऐसे बच्चों को रेस्क्यू करें. साथ ही किसके निर्देश पर बच्चे ऐसा कर रहे हैं उन तक भी पहुंचें. अगर किसी बच्चे के अभिभावक मजबूरन ऐसा कर रहे हैं तो उनकी काउंसलिंग करवाकर सेवायोजन विभाग के सहयोग से स्किल्ड प्रशिक्षण देकर स्वरोजगार से जोड़ें. साथ ही वो लोग बच्चों की मजबूरी या अन्य प्रलोभन से भिक्षावृत्ति करवा रहे हैं तो ऐसे लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर सख्त वैधानिक कार्रवाई करें.

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जिलाधिकारी आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि यदि रेस्क्यू किए गए बच्चों के संबंध में कोई बच्चों के 18 साल का होने का दावा करता है, या फिर बच्चे का फर्जी आधार कार्ड और परिचय पत्र बनवाकर उनसे काम लेता है तो वास्तविक नियमों के अधीन कार्रवाई करें. साथ ही टास्कफोर्स समिति द्वारा रेस्क्यू अभियान के दौरान पुलिस का सहयोग लेते हुए कार्रवाई करने को कहा गया है. किसी गोपनीय सूचना या फिर स्वयं के औचक निरीक्षण पर बाल अत्याचार से संबंधित बातों के संज्ञान में आने पर भी रेस्क्यू अभियान चलाने के निर्देश दिए. सहायक श्रम आयुक्त को बालश्रम को लेकर निश्चित अवधि में बैठक न कराने और कार्यों में लापरवाही बरतने पर स्पष्टीकरण मांगा है.

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