देहरादून: जिलाधिकारी सी रविशंकर ने शुक्रवार को 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' योजना के अंतर्गत गठित जिला टास्क फोर्स के सदस्यों के साथ बैठक की. बैठक में सदस्यों को योजना के बारे में सही जानकारी नहीं मिली. इस पर जिलाधिकारी ने नाराजगी जाहिर की और गुस्से में बैठक छोड़कर चले गए.
जिलाधिकारी ने सभी सदस्यों को जानकारी जुटाने के लिए तीन का समय दिया है. इसी के साथ जिलाधिकारी ने सदस्यों को चेतावनी दी है कि यदि वे तीन दिन के अंदर जानकारी नहीं जुटा पाए तो उनको हटाने के कार्रवाई की जाएगी.
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बैठक में चौंकाने वाली बात तो ये रही कि टास्क फोर्स के सदस्यों को न तो जिले में चल रही योजना की जानकारी थी और न ही उनके पास योजना से जुड़े कोई आंकड़ें थे. बैठक में कोई भी सदस्य बालिकाओं के स्कूल में टॉयलेट और कुपोषण के शिकार बच्चों की संख्या तक नहीं बता पाया.
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जिलाधिकारी ने सभी सदस्यों को तीन दिन का समय दिया है. तीन दिन के बाद एक बार समीक्षा बैठक की जाएगी. तीन दिन बाद होने वाली बैठक में नवजात बच्चों के जन्म का आंकड़ें उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है. साथ ही स्कूलों में बालिकाओं को क्या-क्या सुविधाएं दी जा रही है उसकी भी जानकारी सभी सदस्यों को होनी चाहिए?