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एक दिसंबर को आएगा डिजास्टर मैनेजमेंट कांफ्रेंस का देहरादून डिक्लेरेशन, जारी होगी आपदाओं से लड़ने के तौर तरीकों की एडवाइजरी

World disaster conference देहरादून में आयोजित चार दिवसीय अंतरराष्ट्रीय विश्व आपदा प्रबंधन सम्मेलन का आज दूसरा दिन है. जिसमें टेक्निकल सेशन आयोजित हुआ. इसी बीच विचार विमर्श पर निष्कर्ष निकालते हुए 1 दिसंबर को देहरादून डिक्लेरेशन आने की जानकारी दी गई.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Nov 29, 2023, 8:08 PM IST

Updated : Nov 29, 2023, 9:49 PM IST

देहरादून:चार दिवसीय6th वर्ल्ड कांग्रेस ऑन डिजास्टर मैनेजमेंट सम्मेलन का आज दूसरा दिन है. जिसमें टेक्निकल सेशन आयोजित किए गए, जबकि मेडिकल इमरजेंसी पर एक मुख्य सेशन आयोजित किया गया. जिसमें कई विशेषज्ञों ने अपने रिसर्च और अनुभव के आधार पर अपने विचार रखें. सम्मेलन में होने वाले तमाम टेक्निकल सेशन और विचार विमर्श पर निष्कर्ष निकालते हुए 1 दिसंबर को देहरादून डिक्लेरेशन आएगा. सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र संघ के अलावा दुनिया भर के 50 से अधिक देश के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं. 28 नवंबर को शुरू हुए इस वैश्विक सम्मेलन के पहले दिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने समारोह का उद्घाटन किया था.

अंतरराष्ट्रीय विश्व आपदा प्रबंधन सम्मेलन का आज दूसरा दिन

कोविड-19 जैसी आपदाओं पर हो रहा विचार विमर्श:सम्मेलन आयोजक संस्था यूकोस्ट के निदेशक दुर्गेश पंत ने बताया कि सम्मेलन अपने सुनियोजित दिशा में चल रहा है. इस सम्मेलन में दिव्यांग डिजास्टर रिस्पांस के अलावा विषम भौगोलिक स्थिति वाले हिमालय में विकास सहित मेडिकल इमरजेंसी कोविड-19 जैसी आपदाओं पर विचार विमर्श हो रहा है. जिस पर यूनाइटेड स्टेट सहित दुनिया भर के देश में काम करने वाली संस्थाओं के लोगों ने अपने अनुभव साझा किए हैं. जिसके चलते यह सम्मेलन एक बृहद स्तर पर सूचना और जानकारी का समागम कर रहा है.

अंतरराष्ट्रीय विश्व आपदा प्रबंधन सम्मेलन में टेक्निकल सेशन हुए आयोजित

1 दिसंबर को आएगा देहरादून डिक्लेरेशन:दुर्गेश पंत ने बताया कि चार दिवसीय इस सम्मेलन में होने वाले तमाम टेक्निकल सेशन और विचार विमर्श पर निष्कर्ष निकालते हुए 1 दिसंबर को देहरादून डिक्लेरेशन आएगा जो कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में पूरी मानव जाति और सस्टेनेबिलिटी के लिए एक बड़ा कारगर कदम साबित होगा. उन्होंने बताया कि देहरादून डिक्लेरेशन में इस सम्मेलन के सभी 50 से ज्यादा टेक्निकल और नॉन टेक्निकल सेशन का निष्कर्ष होगा. जिसमें दुनिया भर में आपदा प्रबंधन को लेकर किस तरह के तौर तरीके और गाइडलाइंस होनी चाहिए, इसको लेकर के यह डिक्लेरेशन सुझाव देगा.

अंतरराष्ट्रीय विश्व आपदा प्रबंधन सम्मेलन में 50 से अधिक देश के प्रतिनिधि भाग ले रहे


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सम्मेलन ठोस रणनीति बनाने के लिए होगा कारगर:IIRS इसरो में वैज्ञानिक रहे और वर्तमान में JNU विश्वविद्यालय में एनवायरमेंटल साइंस के प्रोफेसर डॉ. पीके जोशी ने बताया कि जब इस तरह के वैश्विक सम्मेलन होते हैं और विश्व भर के शोधकर्ता स्कॉलर और पॉलिसी मेकर साथ मिलते हैं, तो निश्चित तौर से दुनिया भर की समस्याओं और उनके समाधान को लेकर एक मंच पर चर्चा की जाती है, जो कि हमारे अनुभवों और शोध को और अधिक सरल और सुदृढ़ बनती है, जो कि हमें तमाम समस्याओं से लड़ने के लिए और वैश्विक स्तर पर एक ठोस रणनीति बनाने के लिए कारगर साबित होती है.

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Last Updated : Nov 29, 2023, 9:49 PM IST

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